हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर, जनित हादसों में मृतकों की संख्या बढ़कर 263 हुई

शिमला: हिमाचल प्रदेश में पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश से राज्य के विभिन्न हिस्सों में तबाही मची है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, रविवार को चंबा और कांगड़ा में अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में दो लोगों की मौत हो गयी। इस तरह अब तक मानसून जनित हादसों में मरने वालों की संख्या 263 हो गई है। राज्य में 20 जून से, 332 लोग घायल हुए हैं और 1,050 से ज़्यादा पशुओं की मौत हुई है। संपत्ति और फसलों को भी भारी नुकसान हुआ है।
मूसलाधार बारिश ने पूरे क्षेत्र को अलग-थलग कर दिया है और संपर्क को ठप कर दिया है। सुन्नी में तातापानी के पास सतलुज नदी के पानी से सड़क के एक हिस्से के बह जाने के बाद करसोग निर्वाचन क्षेत्र का शिमला से सड़क संपर्क टूट गया है। कुल्लू ज़िले में सैंज-औट मार्ग पर हुए एक बड़े भूस्खलन के कारण 15 पंचायतों का संपर्क टूट गया है। तीन राष्ट्रीय राजमार्गों (संख्या- 03, संख्या-05, और संख्या-305) सहित लगभग 397 सड़कें भूस्खलन, अचानक आयी बाढ़ और जल बहाव के कारण अवरुद्ध हैं। शिमला-मंडी राजमार्ग भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया है। राजमार्ग के कुछ हिस्सों में सड़क की चौड़ाई घटकर केवल 1.5 मीटर हो जाने कारण यातायात असुरक्षित हो गया है।
करछम वांगतू जलविद्युत संयंत्र के अधिकारियों ने बढ़ते जल स्तर के बीच कल शाम 5 बजे सतलुज नदी में अतिरिक्त 100 क्यूसेक पानी छोड़ा। इससे नीचे की ओर पानी का बहाव बढ़कर 613 क्यूसेक हो गया। अधिकारियों ने निचले क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों से सतर्क रहने का आग्रह किया है। इससे आवश्यक सेवाएँ 883 बिजली ट्रांसफार्मर और 122 जलापूर्ति योजनाएँ बाधित हुई हैं। आनी उप-मंडल (कुल्लू) और मंडी सदर उप-मंडल में एहतियात के तौर पर स्कूल और कॉलेज बंद करने का आदेश दिया गया है। मौसम विभाग ने 18 से 24 अगस्त के बीच कई स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा और कुछ स्थानों पर भारी वर्षा का अनुमान लगाया है। चंबा, कांगड़ा, कुल्लू और मंडी सहित कई जिलों में येलो अलर्ट जारी किया गया है।
राष्ट्रीय आपात संचालन केन्द्र(एसईओसी) ने कहा है कि मानसूनी आपदा में 697 मकान पूर्ण रुप से 2,342 आंशिक रूप से नष्ट हो गये हैं और 415 दुकानों तथा हजारों हेक्टेयर फसलों को नुकसान हुआ है। कुल मिलाकर 2.17 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है। अधिकारियों ने जनता से अनावश्यक यात्रा खासकर नदी के किनारों और भूस्खलन वाले क्षेत्रों और ढलानों पर जाने से बचने की अपील की है। बार-बार भूस्खलन और लगातार बारिश के कारण बचाव और निकासी अभियान में बाधा आ रही है।