छत्तीसगढ़

इंजीनियर पति की तलाश में जंगल-जंगल भटक रही महिला, नक्सलियों से बोली- ‘प्लीज छोड़ दो’

बीजापुर. छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर में एक इंजीनयर और राजमिस्त्री कार्य स्थल से ही गायब हो गए हैं. बीते 10 फरवरी से वे घर नहीं लौटे हैं. जिले के नक्सल प्रभावित इलाके बेदरे में एक पुलया का निर्माण किया जा रहा है. उसके निरीक्षण के लिए गए इंजीनियर अशाेक पवार और काम कर रहे राज मिस्त्री वापस अब तक नहीं लौटे हैं. आशंका जताई जा रही है कि ग्रामीणों की भेष में आए नक्सलियों ने उनका अपहरण कर लिया है. इंजीनियर पति की तलाश में उनकी पत्नी सोनल पवार अपने छोटे से बच्चे के साथ जंगलों में भटक रही हैं.

जंगलों में अपने पति की तलाश कर रही है सोनल ने नक्सलियों सहित आदिवासी नेता सोनी सोरी से अपील की है वे माओवादियों के कब्जे से उनके पति को छुड़वा दे. दरअसल कुछ दिनों से बीजापुर में नक्सलियों का तांडव एक बार फिर उठा रहा है. बीते शुक्रवार को बीजापुर देश दुनिया की निगाहों में उस वक़्त सामने आ गया जब जिले के बेदरे में इंद्रवती नदी में एक पुलिया का निर्माण किया जा रहा था. बताया जा रहा है कि आजादी के बाद ये पहली बार है जब उस इलाके के गांवों को जोड़ने के लिए पुलिया का निर्माण किया जा रहा है. बीते तीन महीने से निर्माण कार्य जारी है.

नक्सलियों की दहशत
निर्माण कार्य के बहाने वहां के स्थानीय लोगों को रोजगार भी मुहैया हो रहा है, लेकिन शुक्रवार की शाम को उस वक्त दहशत फैल गयी जब कुछ संख्या में ग्रामीण वेशभूषा में पहुंचे नक्सली मौके पर मौजूद इंजीनियर और राजमिस्त्री को अगवा कर अपने साथ ले गए. इसके बाद इंजीनियर अशोक पवार की पत्नी सोनल और साथ परिवार के अन्य लोग थाने की इसकी जानकारी देने नहीं पहुंचे और स्थानीय लोगो की सलाह पर नक्सलियों से अपील करनी शुरू की. घटना को चार दिन बीत चुके हैं. अब तक नक्सलियों ने न तो कोई पर्चा जारी किया है और न ही इंजीनियर और राजमिस्त्रो के सम्बंध में कोई जानकारी साझा की है. इंजीनियर की पत्नी सोनल ने नक्सलियों से अपील की है कि प्लीज उनके पति को छोड़ दें.

बीजेपी नेता ने भी की अपील
आदिवासी नेता और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति मोर्चा के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा नेता नन्द कुमार साय का वीडियो सामने आया है. जिसमें उन्होंने नक्सलियों से अपील की है कि वे इंजीनियर और राजमिस्त्री को छोड़ दें. उन्होंने ने अपने संदेश में कहा है कि अगर नक्सली किसी तरह की कोई शर्त या बातचीत करना चाहते है तो वे टेबल पर आकर चर्चा कर सकते हैं.

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