कर्नाटक के कुछ हिस्सों में रेड अलर्ट! मूसलधार बारिश से तबाही, थुम्बे बांध के सभी 28 गेट खोले गए

नई दिल्ली: दक्षिण-पश्चिम मानसून के जोर पकड़ने के साथ ही, बेंगलुरु और कर्नाटक के अधिकांश हिस्सों में बारिश से भीगा हुआ सप्ताह देखने को मिल सकता है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने रविवार को मौसम संबंधी कई अलर्ट जारी किए, जिसमें तटीय क्षेत्र के कुछ हिस्सों के लिए रेड अलर्ट और बेंगलुरु शहरी क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों के लिए ऑरेंज और येलो अलर्ट शामिल हैं। आईएमडी ने अगले चार दिनों तक कर्नाटक में लगातार बारिश और तेज़ हवाओं का अनुमान जताया है। तटीय और आंतरिक जिलों के निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, खासकर रेड और ऑरेंज अलर्ट वाले इलाकों में। कुछ इलाकों में हवा की गति 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंचने की उम्मीद है। दक्षिण कन्नड़, उत्तर कन्नड़, उडुपी, चिकमगलुरु, कोडागु और शिवमोग्गा के लिए रेड अलर्ट जारी किया गया है, जो अत्यधिक भारी बारिश का संकेत देता है।
कर्नाटक में भारी वर्षा को लेकर दक्षिण कन्नड़ क्षेत्र के लिए जारी ‘रेड अलर्ट’ के बीच मूसलधार बारिश ने क्षेत्र में भारी तबाही मचाई है। पिछले 24 घंटे में जिले में सामान्य से दोगुनी से भी अधिक बारिश दर्ज की गई जिससे कई स्थानों पर जलभराव, घरों को नुकसान और बुनियादी ढांचे को भारी क्षति पहुंची है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए नेत्रावती नदी पर बने थुम्बे बांध के सभी 28 गेट खोल दिए गए हैं। जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा मंगलवार सुबह साढ़े आठ बजे जारी स्थिति रिपोर्ट के अनुसार जिले में पिछले 24 घंटे में औसत 80.3 मिलीमीटर बारिश हुई, जबकि सामान्य वर्षा 35.0 मिलीमीटर होती है जिसके चलते सामान्य जनजीवन अस्तव्यस्त रहा।
मूडबिद्री तालुक में सर्वाधिक 111.1 मिलीमीटर और सुल्लिया में 100.6 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई। पिछले 24 घंटे में जिले में भारी वर्षा के चलते 10 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वर्षा के चलते अप्रैल से अब तक कुल 82 घर पूरी तरह से और 768 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। इसी प्रकार पहली अप्रैल से अब तक जिले में भारी वर्षा के चलते पांच लोगों की मौत हो चुकी है, हालांकि पिछले 24 घंटे में कोई नयी जनहानि नहीं हुई है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि भारी वर्षा से 2.43 हेक्टेयर कृषि भूमि और 4.884 हेक्टेयर बागवानी भूमि प्रभावित हुई है। इसी प्रकार भारी वर्षा के चलते बिजली विभाग (एमईएससीओएम) के 97 खंभे और दो ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त हो गए हैं जिससे कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई है।
लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) और ग्रामीण विकास विभाग (पीआरईडी) की कई किलोमीटर सड़कें और सात पुलिया/पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं। जिले में लगातार बारिश के कारण प्रमुख नदियां उफान पर हैं। नेत्रावती नदी का जलस्तर बंटवाल में 5.8 मीटर दर्ज किया गया, जो 9.0 मीटर के खतरे के निशान से अभी नीचे है जबकि उप्पिनंगडी में जलस्तर 27.30 मीटर है।बंटवाल में स्थित थुम्बे बांध में पानी का स्तर 4.70 मीटर तक पहुंच गया है। बांध में बढ़ते जलस्तर को नियंत्रित करने के लिए इसके सभी 28 गेट खोल दिए गए हैं जिससे निचले इलाकों में पानी भर गया है।
भारी वर्षा के चलते सभी जलस्रोतों में जलस्तर अपेक्षा से बहुत अधिक तेजी से बढ़ रहा है जिससे प्रशासन सतर्क हो गया है और प्रशासन ने स्थिति से निपटने के लिए एक राहत शिविर खोला है जो उप्पिनंगडी के सरकारी पीयू कॉलेज में संचालित हो रहा है। यहां कुछ लोगों ने शरण ली है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) की टीम को अलर्ट पर रखा गया है। मौसम विभाग ने 18 जून की सुबह तक ‘रेड अलर्ट’ जारी करते हुए बहुत भारी से अत्यधिक भारी बारिश (115 मिलीमीटर से 204.5 मिलीमीटर से अधिक) की वर्षा की चेतावनी दी है।
अधिकारियों ने बताया कि मंगलवार शाम 4:22 बजे समुद्र में 1.52 मीटर (लगभग पांच फुट) ऊंची लहरें उठीं जिससे तटीय इलाकों में बाढ़ का खतरा और बढ़ गया है। नागरिकों को सतर्क रहने और जल स्रोतों से दूर रहने की सलाह दी गई है। इससे पूर्व पिछले लगभग एक सप्ताह से हो रही भारी वर्षा के चलते कर्नाटक के हासन जिले के सकलेशपुर तालुक में डोड्डथप्पले के पास राष्ट्रीय राजमार्ग 75 पर हुए भूस्खलन के कारण सोमवार 16 जून की रात को यातायात बाधित हो गया जिसके चलते बेंगलुरु और मंगलुरु के बीच सड़क मार्ग से आवागमन लगभग बंद हो गया और वाहन घंटों तक भूस्खलन स्थल के दोनों तरफ फंसे रहे। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि बीती रात हुए भूस्खलन के कारण वाहन घंटों तक राजमार्ग पर फंसे रहे। स्थानीय प्रशासन ने मंगलवार की सुबह तक मलबा हटाकर राजमार्ग पर यातायात किसी प्रकार बहाल किया।