जयपुर : भाजपा ने आने वाले विधानसभा चुनावों में ईडी के जरिये ही भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को घेरने की तैयारी कर ली है। हालही ईडी ने जयपुर व उदयपुर में होटल समूहों पर छापेमारी कर 1.27 करोड़ रुपए जब्त और संपत्तियों के दस्तावेज जब्त किए हैं। खास बात यह है कि इन समूहों के मालिकों या निवेशकों के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व उनके परिवार के सदस्यों से करीबी रिश्ते हैं। इसी को आधार बनाकर ईडी द्वारा कार्रवाई की जा रही है। दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी योजनाओं के जरिये लोगों लगातार जुड़ रहे हैं। उनकी अपनी अलग छवि है।
राजस्थान में कांग्रेस के मायने गहलोत और गहलोत के मायने कांग्रेस है। यही वजह है कि भाजपा अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरने की तैयारी कर रही है। प्रवर्तन निदेशालय ने शुक्रवार को कहा कि उसने विदेशी मुद्रा कानून के कथित उल्लंघन के मामले में राजस्थान स्थित होटल समूहों और उसके प्रवर्तकों के खिलाफ तीन दिन तक चली तलाशी में 1.27 करोड़ रुपये की “बेहिसाबी” नकदी जब्त की है। इस तलाशी में ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, वर्धा एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशकों और प्रमोटरों शिव शंकर शर्मा, रतन कांत शर्मा और से जुड़े मामले के सिलसिले में जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में कई स्थानों पर छापे मारे गए। इसमें रतन कांत शर्मा पर राजस्थान के एक शीर्ष राजनेता के रिश्तेदार का पुराना बिजनेस पार्टनर होने का आरोप है।
बताया गया है कि यह कार्रवाई “विश्वसनीय जानकारी के आधार पर की गई है। ट्राइटन होटल्स एंड रिसॉर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड ने शिवनार होल्डिंग्स लिमिटेड मॉरीशस से भारी प्रीमियम पर एफडीआई प्राप्त किया था, जिसे फेमा प्रावधानों का उल्लंघन करते हुए कई बार संशोधित किया गया था।” आरोपों के मुताबिक ” ट्राइटन समूह सीमा पार निहितार्थ वाले हवाला लेनदेन में शामिल रहा है।”
ईडी ने कहा कि एजेंसी ने 1.27 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी, डिजिटल साक्ष्य, हार्ड डिस्क और मोबाइल सहित विभिन्न “अपराधी” दस्तावेज जब्त किए हैं, जो समूह द्वारा खाते की किताबों से बड़े पैमाने पर किए गए लेनदेन का खुलासा करते हैं। इसमें कहा गया है कि “बेहिसाब” नकदी प्राप्तियों को होटलों के विकास में निवेश किया गया है।
हालांकि इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सख्त बयान दे चुके हैं। उन्होंने कहा कि अगर ईडी या सीबीआई न्यायसंगत कार्रवाई करने आती है तो स्वागत करेंगे और मदद भी, लेकिन पूर्वाग्रह से कोई कार्रवाई की जाएगी तो वो गलत होगा।
इसके साथ ही ईडी ने राजस्थान में जल मिशन, योजना भवन, पेपर लीक मामलों से जुड़े लोगों से भी पूछताछ की है। राज्यसभा सांसद एवं राजस्थान के नेता किरोड़ीलाल मीणा ने भी ईडी को भ्रष्टाचार के कुछ दस्तावेज सौंपे हैं, वही ईडी की कार्रवाई का आधार माना जा रहा है। यह बात भी सत्य है कि अभी ईडी सरकार में मुख्यमंत्री, मंत्री या विधायक तक नहीं पहुंच पाई है। अभी चुनावों में थोड़ा वक्त बाकी है और ईडी के पास भी कार्रवाई को आगे बढ़ाने का समय है। देखना होगा आने वाले समय में ईडी भाजपा को क्या मुद्दा देगी।