सिपाही भर्ती मामले में पांच राज्यों तक जुड़े हैं पेपर लीक के तार, हर गिरफ्तारी पर आए नए कनेक्शन ने STF को उलझाया
लखनऊ: सिपाही भर्ती परीक्षा का पेपर लीक मामले में एसटीएफ की जांच में अभी तक उ.प्र. के अलावा पांच राज्यों तक जुड़ रहा कनेक्शन अब पूर्वांचल पर आकर ठहर गया है। एसटीएफ की जांच में सामने आयी नई सूचना में पता चला कि कुछ लोग परीक्षा शुरू होने से पहले ही पेपर में आए सवालों की तैयारी करा रहे थे। इससे इस बात की आशंका गहरी हो गई है, पेपर कुछ दिन पहले ही लीक हो गया था। इस दिशा में वाराणसी और जौनपुर पर निगाह टिक गई है. एसटीएफ ने उन जिलों में अपनी सक्रियता तेज कर दी है। दरअसल, पेपर लीक प्रकरण में एसटीएफ सूत्रों का कहना है कि हर गिरफ्तारी के बाद हुई पूछताछ में नया एंगल सामने आ जा रहा है। कभी प्रिंटिंग प्रेस से पेपर लीक होने का अंदेशा सामने आया। इन सबके चलते उप्र के अलावा कभी बिहार तो कभी पश्चिम बंगाल तो कभी हरियाणा और मध्य प्रदेश से लेकर दिल्ली तक का कनेक्शन सामने आया।
एसटीएफ पुलिस टास्क फोर्स एक टीम के रूप में काम करती है, जिसमें प्रत्येक टीम का नेतृत्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) या पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) करते हैं. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) एसटीएफ द्वारा संचालित सभी कामों के प्रभारी हैं. Role and Duty of UP Police STF यूपी पुलिस एसटीएफ माफिया गिरोहों के बारे में जानकारी इकट्ठा करती है और उसके आधार पर इन गिरोहों के खिलाफ सूचना-आधारित कार्रवाई करती है. नामित यूनिट एक स्पेशल एक्शन प्लान तैयार करती है और जिला पुलिस के समन्वय से इसे लागू करती है. बल द्वारा डकैतों के गिरोह विशेषकर इंटर स्टेट गिरोहों एवं संगठित अपराधियों के इंटर स्टेट गिरोहों के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई की जाती है. UP Police STF Selection Criteria स्पेशल टास्क फोर्स में चयन एक पुलिस कर्मी के रूप में अच्छे रिकॉर्ड, असाधारण शारीरिक क्षमताओं या राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाओं या यूपीएससी में उपस्थित होने पर आधारित है.
स्पेशल टास्क फोर्स के अधिकारियों के लिए शॉर्टलिस्ट होने के लिए, उम्मीदवारों को पहले यूपीएससी परीक्षा पास करने और पुलिस बलों में शामिल होने की जरूरत होती है. यूपी पुलिस एसटीएफ उन उम्मीदवारों की भर्ती करती है जो पहले से ही यूपी पुलिस में काम कर रहे हैं. हालांकि, उन कैंडिडेट्स के लिए कुछ अपवाद हैं जिनके पास महान शारीरिक क्षमताएं और कौशल हैं. UP Police STF Salary एक टास्क फोर्स अधिकारी का औसत सैलरी लगभग 7 लाख रुपये सालाना है. कम से कम 1 से 3 साल के एक्सपीरिएंश वाले एंट्री लेवल के एसटीएफ अधिकारी के लिए औसत सैलरी सालाना करीब 5 लाख रुपये है. 8 साल से ज्यादा के अनुभव वाले एक सीनियर लेवल के अधिकारी को सालाना लगभग 8 लाख रुपये सैलरी मिलती है.
कई गिरोहों के पकड़ में आने से उलझती ही जा रही तफ्तीश
इस दौरान कई गिरोहों के पकड़ में आने से तफ्तीश उलझती ही जा रही है, जिससे एसटीएफ अभी तक किसी नतीजे पर नही पहुंच पा रही है। इधर, हाल ही एसटीएफ की जांच में फिर कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं, जिससे एक बार फिर उप्र में मास्टर माइंड के होने का अंदेशा हो चला है। इस क्रम में पूर्वांचल वाराणसी ओर जौनपुर में पेपर लीक की जड़ें तलाशी जा रही हैं। एसटीएफ सूत्र जल्दी ही इस पूरे मामले से परदा उठाने की उम्मीद जता रहे हैं।