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TRS विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले में BJP ने किया पलटवार, की जांच की मांग

हैदराबाद : सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS MLA) के विधायकों को भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होने के लिए प्रलोभन देने का मामले में कल देर शाम तीन लोगों को गिरफ्तार करने के बाद तेलंगाना राज्य में राजनीति गरमा गई है।

मामला के प्रकाश में आने के बाद तेलंगाना राष्ट्र समिति के चार विधायक मुख्यमंत्री के आवास प्रगति भवन पहुंचे और वहीं रहे। पार्टी सूत्रों के अनुसार तेरास के अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री केसीआर विधायकों की खरीद-फरोख्त मामले को राष्ट्रीय स्तर पर किस तरह ले जाना है, इसके लिए पार्टी नेताओं के साथ लगातार चर्चा में रहे हैं। इसके अलावा मीडिया में यह भी प्रचार हुआ कि वह संवाददाता सम्मेलन नई दिल्ली में आयोजन करेंगे लेकिन कल गिरफ्तार तीन लोगों को रिमांड में भेजने की पुलिस की रिपोर्ट को कोर्ट द्वारा ठुकरा देने के बाद अब पार्टी विधायकों को आदेश दिया जा रहा है कि अभी पुलिस जांच फिलहाल प्रारंभिक चरण में है और इस मामले पर वे मौन रहें।

कल देर रात साइबराबाद पुलिस आयुक्त के परिधि में मियाँपुर पुलिस ने ऑपरेशन लोटस के संबंध में भाजपा के तीन नेताओं के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया था। रात में कड़ी सुरक्षा के बीच तीनों आरोपितों को एसीबी की विशेष अदालत में न्यायाधीश के आवास पर पेश किया गया।न्यायाधीश के समक्ष रामचंद्र भारती, नंद कुमार, सिम्हायाजी स्वामी को पेश किया गया। न्यायाधीश ने इन तीनों की रिमांड खारिज कर दी। साथ ही तीनों आरोपितों को तत्काल रिहा करने का आदेश दिया था। एसीबी जज ने गिरफ्तारी प्रक्रिया को गलत बताया। उन्होंने कहा कि दिए गए वर्गों के लिए कोई उचित सबूत नहीं है। एसीबी कोर्ट द्वारा रिहा करने के आदेश के बाद पुलिस ने तीनों आरोपितों को छोड़ दिया है।

इस एसीबी कोर्ट द्वारा रिहा करने के आदेश से खरीद-फरोख्त मामले में पुलिस और सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति को झटका दिया है। विपक्षी प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने अब आक्रामक रुख अपनाया है और प्रदेश अध्यक्ष बंडी संजय कुमार स्वयं मुख्यमंत्री और उनके पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए।
विधायक खरीदी मामला तेरास के तांडूर विधायक पायलट रोहित रेड्डी की शिकायत पर पुलिस ने भाजपा नेता फरीदाबाद के पीठाधीपति रामचंद्र भारती उर्फ सतीश शर्मा (33), श्रीमंता राजापीठम, तिरुपति के पीठाधीपति सिम्हांजेयुलू उर्फ सिम्हाजी (42) और हैदराबाद के सैदाबाद, हैदराबाद निवासी ने डेक्कन प्राइड होटल के संचालक नंद कुमार (45) के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 8 के तहत मामले दर्ज किये।

रोहित रेड्डी ने अपनी शिकायत में कहा कि भाजपा की ओर से सतीश शर्मा ने उनके अलावा तीन अन्य विधायकों वी. हर्षवर्धन रेड्डी, रेगा कांता राव और गुव्वाला बालराजू को भाजपा में के शामिल होने के लिए प्रलोभन दिया और म बताया कि तेरास से त्याग-पत्र देकर भाजपा है में शामिल होने पर प्रत्येक विधायक को में 100-100 करोड़ रुपये दिये जाएँगे। एडवांस में 50 करोड रुपये देने का भी उन आश्वासन दिया। इसके साथ ही विधायकों के खिलाफ सीबीआई, ईडी के मामलों के हु अलावा अन्य आपराधिक मामलों को खारिज कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार में उच्च पद देने के अलावा केंद्र सरकार से संबंधित विभिन्न सीवीएल ठेके दिए जाएंगे। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने तीनों नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया था।

इस मामले में अब आरोप प्रति आरोप लगने लगे। केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जी. किशन रेड्डी ने भाजपा द्वारा तेरास के चार विधायकों को पार्टी में शामिल होने के लिए प्रलोभन देने के मामले को पूरी तरह से खारिज करते हुए इसे मनगढ़ंत कहानी बताया। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी को डर है कि वह मुनुगोडु उपचुनाव हार जाएगी, इसलिए एक फिल्मी पटकथा की तर्ज पर यह सारी साजिश रची गई। इसके निर्देशक, निर्माता और लेखक स्वयं मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव हैं।

किशन रेड्डी ने कहा है कि इनसे पता चलता है कि टीआरएस पार्टी के अंदर डर पैदा हो रहा है। बीजेपी का उन तीन लोगों से क्या संबंध है, जिन्होंने कहा था कि 100 करोड़ रुपये दिए जाएंगे? एक विधायक के चले जाने से क्या टीआरएस सरकार गिर जाएगी? रेड्डी ने कहा, इस तरह के आरोपों का हम पर कोई असर नहीं होता, जनता मोदी जी के साथ है। हम डरने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा, इस मामले में मैं उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीशों के तहत जांच की मांग करता हूं।

प्रदेश भाजपा सदस्य तथा सांसद बंडी संजय ने आज घोषणा की है कि विधायकों की खरीदी के मामले को लेकर जो नाटक खेला गया, उसकी वास्तविकता जानने के लिए वे अदालत की शरण में गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री केसीआर के दिशा-निर्देशों पर ही यह नाटक खेला गया। उन्होंने इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग की। इस बीच बीजेपी के चुनाव आयोग से टीआरएस द्वारा लगाए गए आरोपों की स्वतंत्र जांच कराने की मांग के बाद मामला और बढ़ गया।

तेलंगाना के सीईओ को सौंपे गए एक ज्ञापन में, पूर्व एमएलसी एन रामचंदर राव और बीजेपी के राज्य प्रवक्ता वाई रचना रेड्डी ने टीआरएस पर आगामी उपचुनाव हारने के डर से मुनुगोड़े के मतदाताओं को बहलाने-फुसलाने के साथ एक बुरी योजना बनाने का भी आरोप लगाया। साथ ही दावा किया कि विधायकों को हथियाने को लेकर पुलिस में शिकायत दर्ज करना राजनीति से प्रेरित है और यह मुनुगोड़े उपचुनाव में बीजेपी को बदनाम करने और मनोबल तोड़ने के लिए टीआरएस की एक साजिश है।

ज्ञापन के मुताबिक, बीजेपी का दृढ़ विश्वास है कि शिकायत सीएम केसीआर के इशारे पर दर्ज की गई है। लेकिन इसके पीछे का सच और मकसद सीबीआई या विशेष जांच दल द्वारा जांच करके ही पता लगाया जा सकता है। ऐसा न करने पर मुनुगोड़े विधानसभा में आगामी उपचुनाव में लोगों के जनादेश पर भी असर पड़ेगा। वहीं इससे पहले बीजेपी ने तेलंगाना हाई कोर्ट का रुख करते हुए सीबीआई, एसआईटी, या एक मौजूदा एचसी जज द्वारा टीआरएस के अवैध खरीद-फरोख्त आरोपों के जांच की मांग की।

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