महापौरों के सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा- ‘जनता को जब ईमानदारी दिखती है…’
गांधीनगर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) शासित नगर निगमों के महापौरों से अपने शहरों के सर्वांगीण विकास की योजना बनाने का आह्वान किया और कहा कि चुने हुए जनप्रतिनिधियों की सोच सिर्फ चुनाव को ध्यान में रखते हुए सीमित नहीं होनी चाहिए क्योंकि चुनाव केंद्रित सोच से शहरों का भला नहीं किया जा सकता।
उन्होंने महापौरों से शहर विकास योजना बनाने, सैटेलाइट शहरों का निर्माण करने और बड़े शहरों का बोझ कम करने के लिए टीयर-2 और टीयर-3 शहरों के विकास पर ध्यान केंद्रित करने को कहा। प्रधानमंत्री गुजरात के गांधीनगर में आयोजित भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के महापौरों के सम्मेलन का उद्घाटन करने के बाद वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उसे संबोधित कर रहे थे।
इस दो दिवसीय सम्मेलन में 18 राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के भाजपा के 118 महापौर और उपमहापौर शामिल हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने महापौरों और अन्य स्थानीय प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वह सरकार की योजनाओं के गरीब लाभार्थियों से संवाद करें ताकि वे उनकी समस्याओं से अवगत हो सकें और अपने शहरों की सुंदरता के लिए काम कर सकें। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘चुने हुए जनप्रतिनिधियों की सोच सिर्फ चुनाव को ध्यान में रखते हुए सीमित नहीं होनी चाहिए क्योंकि चुनाव केंद्रित सोच से शहरों का भला नहीं किया जा सकता। उन्होंने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपना एक अनुभव साझा करते हुए कहा कि अगर सही काम किया जाए और जनहित में किया जाए तो लोगों का साथ भी मिलता है।
‘जनता को जब ईमानदारी दिखती है…’
मोदी ने बताया कि वर्ष 2005 में उन्होंने गुजरात में शहरी विकास वर्ष मनाने का फैसला किया था जिसमें अतिक्रमण हटाया जाना भी शामिल था। उन्होंने बताया कि अगले साल चुनाव होने थे और प्रदेश भाजपा के नेताओं ने उन्हें इसका खामियाजा मिलने को लेकर आगाह किया था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने अपने फैसले को वापस नहीं लिया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के कदमों से जनता की नाराजगी सामने आती है लेकिन उनकी पहल को जनता का साथ मिला क्योंकि, ‘‘जनता को जब ईमानदारी दिखती है, भाई-भतीजावाद और बगैर भेद-भाद के काम दिखता है तो वह साथ देती है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि शहरों के विकास की योजना को लेकर राज्यों को आगे आना चाहिए ना कि उन्हें सिर्फ केंद्र सरकार पर निर्भर रहना चाहिए। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल को याद करते हुए मोदी ने कहा कि बस रेपिड ट्रांजिट (बीआरटी) और ऐप आधारित ऑटो-रिक्शा सेवा और मल्टी मॉडल परिवहन व्यवस्था जैसी शहरी परिवहन व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के मामले में उनका राज्य अन्य राज्यों के मुकाबले आगे था।
बड़े शहरों का बोझ कम हो
उन्होंने महापौरों से आग्रह किया वे शहरी विकास की योजनाओं, सैटेलाइट शहरों के निर्माण और टीयर-2 और टीयर-3 शहरों के विकास पर ध्यान केंद्रित करें जिससे बड़े शहरों का बोझ कम हो और संतुलित विकास को बढ़ावा मिले। उन्होंने कहा, ‘‘आप सभी को भविष्य के बारे में सोचना चाहिए। शहरी विकास की योजना अस्थायी नहीं हो सकती। नीतियां बनाकर हमें शहरी विकास का एक मानदंड तैयार करना होगा। इससे समस्याओं का समाधान होगा और खामियों का भी पता चलेगा।”
सबका साथ-सबका विकास
प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘‘सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” का भाजपा का शासन मॉडल उसे दूसरों से अलग करता है। उन्होंने अहमदाबाद नगर निगम में सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भी राज्य के लोग उनके कार्यों को बहुत सम्मान से याद करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘आपको भी अपने शहरों को उस स्तर पर ले जाना है कि आने वाली पीढ़ियां आपको याद करके कहें कि हां, हमारे शहर में भाजपा के एक महापौर आये थे तब यह काम हुआ।”
देश में 775 किमी से भी ज्यादा मेट्रो नेटवर्क
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में आज शहरों की अवसंरचना पर अभूतपूर्व निवेश हो रहा है। देश में मेट्रो रेल सेवा के विस्तार का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि 2014 तक यह 250 किमी से भी कम था लेकिन आज देश में मेट्रो नेटवर्क 775 किमी से भी ज्यादा का हो चुका है और एक हजार किमी के नए मेट्रो रूट पर काम भी चल रहा है। उन्होंने कहा कि शहरों में पुरानी इमारतों का गिरना और उनमें आग लगना चिंता का विषय होता है। उन्होंने कहा कि यदि नियमों का पालन सुनिश्चित किया जाए तो ऐसी घटनाओं को रोका जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘रियल स्टेट सेक्टर को बेहतर और पारदर्शी बनाने का आपका दायित्व ज्यादा है। नियम-कानूनों का पालन सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।” प्रधानमंत्री ने महापौरों से अपील की कि वे अपने शहरों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाएं और प्रयास करें कि वह शहर किसी न किसी चीज के लिए अपनी प्रसिद्धि स्थापित करे।
उन्होंने कहा, ‘‘मेरा शहर पर्यटन के लिए आकर्षण का केंद्र बने… मेरे शहर की अपनी एक पहचान बने… इस सोच के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने महापौरों से रेहड़ी पटरी वालों का पंजीकरण कराने और उन्हें ऑनलाइन लेनदेन का प्रशिक्षण देने को भी कहा ताकि उन्हें प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ मिल सके।