बिहारराज्य

तीसरी लहर में 11 दिन में ही पॉजिटिव का आंकड़ा हुआ हजार

मुजफ्फरपुर: तीसरी लहर में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पहली और दूसरी लहर से काफी तेज है। डॉक्टरों का कहना है जिले में इस बार तीसरी लहर की संक्रमण दर अधिक है। पहली लहर में जहां एक हजार संक्रमितों का आंकड़ा पहुंचने में दो महीने का वक्त लगा था वहीं इस बार सिर्फ 11 दिन में ही यह आंकड़ा हजार पर पहुंच चुका है। कोरोना के नोडल अधिकारी डॉ सीके दास ने बताया कि तीसरी लहर पहली दोनों लहरों से ज्यादा संक्रामक है। इसलिए संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ रही रही। पहली लहर जब आयी थी तब जून में एक हजार मरीज जिले में संक्रमित हुए थे। दूसरी लहर में भी सवा महीने के बाद हजार लोग संक्रमित पाये गये थे लेकिन इस बार यह 11 दिनों में ही हजार लोग कोरोन संक्रमित पाये गये हैं। जिले में कोरोना के मामले 30 दिसंबर से मिलने शुरू हो गये थे। पहले दिन छह मरीज जांच में संक्रमित पाये गये थे। तीसरी लहर में 100 संक्रमित मरीजों का आंकड़ा भी पहली दोनों लहरों से पहले पहुंच गया है। इस बार पांच दिन बाद ही जिले में 100 कोरोना के संक्रमित पाये गये, जबकि पहली लहर में 15 दिन और दूसरी लहर में दस दिन बाद 100 लोग संक्रमित हुए थे।

बुखार उतरने के बाद आ रहा आरटीपीसीआर का मैसेज
आरटीपीसीआर की जांच रिपोर्ट का मैसेज मरीज के बुखार उतरने के बाद मिल रही है। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों ने बताया कि जब उनका बुखार उतर गया, उसके बाद उन्हें आरटपीसीआर रिपोर्ट का मैसेज मिला। ज्यादातर मरीजों को कोरोना जांच के निगेटिव का मैसेज मिला है। मरीजों का कहना है कि जब तक आरटीपीसीआर की रिपोर्ट नहीं आयी थी, उनका मन संशय से घिरा हुआ था। आरटीपीसीआर जांच की रिपोर्ट 24 घंटे में मिल जानी चाहिए, लेकिन यह पोर्टल पर देरी से चढ़ रही है, जिससे मरीजों को 72 घंटे में मैसेज मिल रहा है। आरटीपीसीआर जांच एसकेएमसीएच में की जा रही है। यहां रोज 1500 से दो हजार सैंपल की जांच की जा रही है। सैंपल मिलने के अगले ही दिन एसकेएमसीएच से रिपोर्ट विभाग को भेज दी जा रही है, लेकिन इसे पोर्टल पर देरी से चढ़ाया जा रहा है। इससे मरीजों को उनकी रिपोर्ट दो दिन बाद मिल रही है।

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