MP के इस जिले में एक शख्स का आया 49 लाख का बिजली बिल, परेशानी लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा

गुना । मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के गुना जिले (Guna district) में एक शख्स का बिजली का बिल (Electricity bill) 49.41 लाख रुपए आया है। इसी तरह करीब 30 कॉलोनियों के लोग भारी भरकम बिल आने से परेशान हैं। मंगलवार को सभी लोग ऑल इंडिया बिजली उपभोक्ता एसोसिएशन (All India Electricity Consumers Association) के बैनर तले कलेक्ट्रेट पहुंचे। मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर स्मार्ट मीटर हटाने और बिजली निजीकरण की नीति रद्द करने की मांग की।
कलेक्ट्रेट पहुंचे लोगों ने बताया कि यह सिर्फ गुना का मामला नहीं है। जहां-जहां स्मार्ट मीटर लगे हैं, वहां जनता परेशान है और विरोध कर रही है। लोग सुनवाई के लिए दर-दर भटक रहे हैं, लेकिन राहत नहीं मिल रही। स्मार्ट मीटर योजना और निजीकरण की नीति वापस नहीं ली गई तो जनता उग्र आंदोलन करने को मजबूर होगी।
बृजबिहार कॉलोनी के रहने वाले गौतम पटेलिया ने बताया कि वे प्राइवेट नौकरी करते हैं। घर में AC नहीं है, सिर्फ कूलर है। एक टीवी है, वह भी बंद पड़ा है। अब तक कभी 100 रुपए का बिल आया है, तो कभी गर्मियों में 1500 रुपए तक। इस बार बिल 49.41 लाख रुपए का आया है। बिल देखने के बाद घर के लोग टेंशन में बीमार पड़ गए। बिजली विभाग के दफ्तर जाकर शिकायत की। अब तक चार बार दफ्तर जा चुका हूं। वे कहते हैं कि बिल ग्वालियर भेजा है, वहां से सही कराया जा रहा है, लेकिन अब तक कोई हल नहीं निकला है।
पिपरोदा गांव की एक महिला रोते हुए बोली, मैं घर-घर सब्जी बेचती हूं। घर में एक पंखा और एक बल्ब है, लेकिन बिल 28 हजार रुपए आया है। वहीं अभिषेक सेन का कहना है कि मेरी 8 हजार रुपए सैलरी है। इस महीने का बिजली बिल 13 हजार रुपए आया है। बाकी के 7 हजार रुपए कहां से लाऊं? अधिकारी कह रहे हैं कि स्मार्ट मीटर को चेक करवाया जाएगा। यदि चेक करने के बाद भी इनके मीटर सही निकल गए तो हम लोग इतने रुपए कहां से भरेंगे। यहां 30 कॉलोनी के लोग इकट्ठा हुए हैं। सभी का बिल हजारों-लाखों में आया है। ऐसा कोई नहीं है, जिसका 100-200 रुपए बिल आया हो। एसोसिएशन के मनीष श्रीवास्तव ने कहा एक तरफ सरकार कहती है कि बिजली सबका अधिकार है, दूसरी ओर स्मार्ट मीटर लगाकर अंधेरा फैलाने पर आमादा है।बिजली कंपनियों को पुलिस था।