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UP में अब माता -पिता का ध्यान नहीं रखने वाले बच्चे, होंगे संपत्ति से बेदखल

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बुजुर्ग मां-बाप को परेशान करने वाली संतानों के लिए संपत्ति पर अधिकार से जुड़ी नियमावली में संशोधन करने जा रही है. इसके लिए वरिष्ठ नागरिकों के भरण पोषण और कल्याण नियमावली 2014 को संशोधित किया जाएगा जिसका प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है.

समाज कल्याण विभाग वकीलों से सलाह लेने के बाद इस नए नियमावली को योगी आदित्यनाथ के सामने पेश कर देगा. इस प्रस्ताव में बुजुर्ग मां-बाप को परेशान करने वाली संतानों और रिश्तेदारों को संपत्ति से बेदखल करने की प्रक्रिया को और आसान बनाया जा रहा है. 30 दिन के अंदर संपत्ति से संतान को बेदखल किया जा सकेगा और इसमें पुलिस भी माता की मदद करेगी.

जानकारी के मुताबिक उत्तर प्रदेश में माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण और कल्याण नियमावली 2014 बनाई गई है. यह केंद्र सरकार द्वारा माता-पिता और वरिष्ठ नागरिकों का भरण पोषण और कल्याण अधिनियम 2007 पर आधारित है जिसकी नियमावली 2014 में जारी की गई थी.

इस नियम के तहत जिलाधिकारी की अध्यक्षता में भरण पोषण अधिकार का गठन किया गया है. ऐसे में राज्य में सप्तम विधि आयोग ने पुराने नियमावली को उद्देश्यों को पूरा करने में सक्षम नहीं बताया था जिसके बाद नियमावली के नियम 22 (क) 22 (ख) और 22 (ग) को बढ़ाने की सिफारिश की गई थी.

इसके बाद इसमें वरिष्ठ नागरिकों का ध्यान न रखने पर बच्चों या रिश्तेदारों को उस संपत्ति से बेदखल करने की प्रावधान की बात की गई है जो वरिष्ठ नागरिकों का कानूनी अधिकार भी है. बेदखली के लिए आवेदन प्रधिकरण के समक्ष भी किया जा सकता है.

इस प्रस्ताव के तहत वरिष्ठ नागरिक अपनी संपत्ति से संतानों को बेदखल करने के लिए प्रधिकरण को अपना आवेदन दे सकते हैं. अगर आवेदन दे पाने में असमर्थ हैं तो किसी संस्था की ओर से आवेदन दाखिल किया जा सकता है. प्रधिकरण या ट्रिब्यूनल को यह अधिकार होगा कि वह बेदखल का आदेश जारी कर सके.

इसके साथ ही अगर कोई व्यक्ति आदेश जारी होने के बाद 30 दिनों के अंदर वरिष्ठ नागरिक की संपत्ति से खुद को बेदखल नहीं मानता है तो अधिकरण या ट्रिब्यूनल बुजुर्गों को संपत्ति पर कब्जा दिलाने में मदद करेगी.

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