उत्तर प्रदेश में रविवार को पांचवें चरण का चुनाव, 61 सीटों पर होगा मतदान, जानें पूरी डिटेल्स
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022) के पांचवें चरण (Fifth Phase Of Voting In Uttar Pradesh) में राज्य के 12 जिलों की 61 सीटों पर कल अर्थात रविवार को मतदान होगा। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि पांचवें चरण के मतदान की तैयारी पूरी कर ली गई है और मतदान सुबह सात बजे से शाम छह बजे तक होगा। उन्होंने बताया कि स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी तरीके से मतदान सम्पन्न कराने के लिए आवश्यक व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। जानकारी के अनुसार पांचवें चरण में 692 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं जिनकी राजनीतिक तकदीर का फैसला करीब 2.24 करोड़ मतदाता करेंगे।
231 सीटों पर हो चुका है मतदान
चौथे चरण का मतदान पूरा होने के बाद राज्य की 403 विधानसभा सीटों में से अब तक 231 सीटों पर मतदान हो चुका है और रविवार को 61 सीटों पर मतदान होने के बाद 292 सीटों का मतदान पूरा हो जाएगा। इसके बाद अंतिम दो चरणों में तीन मार्च और सात मार्च को 111 सीटों पर मतदान होगा। राज्य में 10 फरवरी से सात मार्च के बीच सात चरणों में चुनाव कार्यक्रम प्रस्तावित है। पांचवें चरण में सुलतानपुर, चित्रकूट, प्रतापगढ़, कौशांबी, प्रयागराज, बाराबंकी, अयोध्या, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, अमेठी और रायबरेली जिले में मतदान होना है। शुक्रवार की शाम छह बजे इन 12 जिलों की 61 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव प्रचार थम गया।
मैदान में हैं उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम
पांचवें चरण में उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य अपने गृह जिले कौशांबी के सिराथू विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के उम्मीदवार हैं जिनके मुकाबले समाजवादी पार्टी ने अपना दल (कमेरावादी) की नेता पल्लवी पटेल को मैदान में उतारा है। पल्लवी पटेल की बहन और केंद्र सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल मौर्य के पक्ष में चुनाव प्रचार कर चुकी हैं,वहीं शुक्रवार को समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव और सपा सांसद व मशहूर अभिनेत्री जया बच्चन भी पल्लवी पटेल का प्रचार करने सिराथू पहुंची थीं। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी शुक्रवार को मौर्य समेत कई भाजपा उम्मीदवारों के समर्थन में चुनावी सभाओं को संबोधित किया था।
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अयोध्या, प्रयागराज और चित्रकूट जैसे धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मतदान
पांचवें चरण में अयोध्या से लेकर प्रयागराज और चित्रकूट जैसे धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों में मतदान होना है। अमेठी की पूर्व रियासत के मुखिया संजय सिंह अमेठी में इस बार भाजपा से उम्मीदवार हैं जबकि राज्य के मंत्री राजेंद्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह प्रतापगढ़ जिले की पट्टी, खादी ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह प्रयागराज जिले की पश्चिम विधानसभा सीट, नागरिक उड्डयन मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी इसी जिले की दक्षिण सीट, समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री गोंडा जिले की मनकापुर सुरक्षित और राज्यमंत्री चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय चित्रकूट विधानसभा सीट से किस्मत आजमा रहे हैं।
मैदान में राजा भैया भी
वर्ष 1993 से ही प्रतापगढ़ जिले के कुंडा से चुनाव जीत रहे रघुराज प्रताप सिंह (राजा भैया) इस बार अपनी जनसत्ता पार्टी के टिकट पर परंपरागत सीट पर चुनाव मैदान में हैं। प्रतापगढ़ जिले में ही अपना दल (कमेरावादी) की अध्यक्ष कृष्णा पटेल समाजवादी गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में भाजपा को टक्कर दे रही हैं। कृष्णा पटेल नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल की मां हैं। विधानसभा में कांग्रेस नेता आराधना मिश्रा ‘मोना’ भी प्रतापगढ़ जिले की अपनी परंपरागत रामपुर खास सीट से किस्मत आजमा रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पांचवें चरण के उन निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव प्रचार किया जहां मतदाता 27 फरवरी को अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। प्रतिद्वंद्वी अखिलेश यादव, बसपा प्रमुख मायावती और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सत्तारूढ़ भाजपा को चुनौती देने के लिए अलग अलग निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा किया।
सोनिया गांधी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली में रैली थी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र रायबरेली के मतदाताओं के लिए एक रैली को संबोधित किया था जो उत्तर प्रदेश में चल रहे चुनावों में उनकी पहली रैली थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने लंबे समय तक गांधी परिवार के गढ़ रहे अमेठी में एक संयुक्त रैली को संबोधित किया, जिस पर भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनावों के साथ-साथ 2019 के आम चुनाव में जीत हासिल की थी। भाजपा की जीत के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेठी, प्रयागराज, कौशांबी और बहराइच में कई रैलियों को संबोधित किया। मोदी ने मुख्य रूप से वोट बैंक की राजनीति और परिवारवाद के मुद्दों पर विरोधियों पर हमला किया।