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आपकी त्वचा को चमकदार बनाने के लिए आहार में ले 5 कोलेजन से भरे हुए फूड्स

नई दिल्ली : दुनिया का हर इंसान खूबसूरत दिखना चाहता है। इसके लिए लोग तमाम तरह की ब्यूटी प्रोडक्ट्स का धड़ल्ले से इस्तेमाल करते हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि केमिकल्स से भरे ब्यूटी प्रोडक्ट्स आपको चंद पलों के लिए खूबसूरत और जवां तो बना देते हैं लेकिन लंबे समय तक इनका इस्तेमाल त्वचा के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। वास्तव में ब्यूटी प्रोडक्ट्स त्वचा के ऊपर काम करते हैं लेकिन हकीकत यह है कि त्वचा को भीतर से जवां और खूबसूरत बनाना जरूरी है। यह काम कोलेजन करता है।

कोलेजन एक प्रोटीन होता है। बॉडी का 30 फीसदी प्रोटीन कोलेजन बनाता है और कोलेजन आपकी स्किन, मसल्स, हड्डियों और कनेक्टिव टिश्यू को सपोर्ट, स्ट्रेंथ और स्ट्रक्चर प्रदान करता है। उम्र जैसे-जैसे बढ़ती जाती है आपकी बॉडी का कोलेजन टूटता रहता है और बॉडी की नया कोलेजन बनाने की टेंडेंसी भी धीरे-धीरे कम होती रहती है। इसलिए आपको अपनी डाइट का ध्यान रखना बहुत जरूरी है। डॉक्टर दीपिका राणा आपको बता रही हैं कि कोलेजन का उत्पादन बढ़ाने और त्वचा की बढ़ती उम्र को रोकने के लिए आपको कोलेजन से भरपूर किन-किन चीजों का सेवन करना चाहिए।

आंवला विटामिन सी का सबसे बढ़िया नैचुरल सोर्स है। आंवला शरीर के कोलेजन लेवल को नैचुरली बेहतर बनाने में मदद करता है। यह उम्र बढ़ने के लक्षण पैदा करने वाले फ्री रेडिकल्स से बचाता है। यह त्वचा को ग्लो करने के साथ डैमेज स्किन को रिपेयर भी करता है।

तुलसी में अनेक गुण पाए जाते हैं लेकिन उर्सोलिक एसिड, रोसमारिनिक एसिड और यूजेनॉल इसके सबसे पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट हैं। इसमें फ्री रेडिकल्स से लड़ने की ताकत होती है। इसके सेवन से त्वचा में कोलेजन बढ़ता है।

घी विटामिन ए, डी और ई से भरपूर होता है, जो स्वस्थ त्वचा के लिए आवश्यक है। विटामिन ए कोलेस्ट्रॉल के उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करता है, एक प्रोटीन जो त्वचा को स्वस्थ और सुंदर बनाता है। इसमें विटामिन होता है, जो उम्र बढ़ने के लक्षणों को कम करता है और समय से पहले बूढ़ा होने से रोकने में मदद करता है।

ब्राह्मी ऐसा आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जिसमें में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-एजिंग गुण होते हैं जो सेल्स को बेहतर बनाते हैं और कोलेजन उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। गर्भावस्था के बाद स्किन पिगमेंटेशन और स्ट्रेच मार्क को हल्का करने के लिए इसका उपयोग फार्मास्युटिकल और आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन में किया जाता है।

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