CM गहलोत के करीबी राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र राठौड़ के घरों में आयकर विभाग ने की छापेमारी
नई दिल्ली: देश में जहां एक तरफ कोरोना संक्रमण फैल रहा है वहीं दूसरी तरफ राजनीति के गलियारों में भी अजब गजब फूल खिल रहे है कल जहां कांग्रेस विधायक भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए वहीं आज सुबह से ही राजस्थान में सियासी संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबियों पर आयकर विभाग का शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। आयकर विभाग के 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने दिल्ली और राजस्थान के कई जगहों पर छापेमारी की है।
यह छापेमारी अशोक गहलोत के करीबी धर्मेंद्र राठौड़ और राजीव अरोड़ा के ठिकानों पर की गई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के करीबी और ज्वैलरी फर्म के मालिक राजीव अरोड़ा के ठिकानों पर सोमवार सुबह आयकर विभाग की टीम पहुंची। उनके घर और दफ्तरों पर छापेमारी चल रही है। खास बात है कि इस छापेमारी की सूचना स्थानीय पुलिस को नहीं दी गई थी। आयकर विभाग की टीम केंद्रीय रिजर्व पुलिस के साथ छापेमारी को अंजाम दे रही है।
राजीव अरोड़ा के अलावा धर्मेंद्र राठौड़ के आवास और दफ्तर पर आयकर विभाग की टीम छापेमारी कर रही है। धर्मेंद्र अरोड़ा को भी सीएम अशोक गहलोत का करीबी बताया जाता है।
सूत्रों का कहना है कि राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र राठौड़ से देश के बाहर किए गए ट्रांजेक्शन के बारे में पूछताछ की जा रही है। राजीव अरोड़ा और धर्मेंद्र अरोड़ा के करीब 24 ठिकानों पर चल रही छापेमारी पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। कांग्रेस ने बीजेपी पर गहलोत सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया। साथ ही कांग्रेस ने बिना स्थानीय पुलिस को सूचना दिए आयकर विभाग की छापेमारी पर भी सवाल पूछा।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस के द्वारा लगाये गए आरोपों से इनकार कर दिया है। संबित पात्रा का कहना है कि कोरोना के कारण आयकर विभाग ने छापेमारी रोकी थी। अब फिर से आयकर विभाग की कार्रवाई कर रही है। इस छापेमारी और राजस्थान के सियासी संकट का कोई लेना-देना नहीं है।
आयकर विभाग की टीम ने जिस राजीव अरोड़ा के ठिकानों पर छापेमारी की है, वह राजस्थान कांग्रेस का आर्थिक मैनेजमेंट भी देखते हैं। इस छापेमारी के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। कांग्रेस, बीजेपी पर हमलावर है और गहलोत सरकार को अस्थिक करने का आरोप लगा रही है।