जीवनशैलीस्वास्थ्य

शरीर में क्रिएटिनिन बढ़ने से हो सकती है कई समस्याएं, इस बीमारी का देता है संकेत

नई दिल्‍ली : शरीर में कई तरह के हार्मोनल इन्बैलेंस होने लगते हैं. तो वहीं कभी में कुछ भी कम या ज्यादा बढ़ सकता है. ठीक उसी तरह जब किडनी (kidney) में क्रिएटिनिन का लेवल बढ़ने लगता है तब वह कई समस्याओं का कारण बन सकती है. सिर्फ इतना ही नहीं यह किडनी को डैमेज तक कर सकता है. यह शरीर के लिए इतना ज्यादा खतरनाक होता है कि यह आपको किडनी फेल्योर की तरफ भी ले जाता है. इसकी वजह से शरीर में कई तरह के टॉक्सिक कंपाउंड भी जमा हो सकते हैं. और यह वेस्ट कंपाउंड्स आपके शरीर को नुकसान पहुंचाने लगता है.

क्रिएटिनिन एक खास तरह का एमिनो एसिड होता है जो ज्यादा तेल मसाले, नॉनवेज खाने के कारण होता है. यह वो वेस्ट प्रोडक्ट होते हैं जो हमारे मसल्स के द्वारा बने होते हैं. किडनी खून से क्रिएटिनिन के साथ टॉक्सिक पदार्थ भी फिल्टर करने का काम करती है. फिल्टर करने के बाद जो गंदगी होता है उसे पेशाब के जरिए वह बाहर निकाल देती है. लेकिन जब किडनी सही से फंक्शन नहीं करती है तो क्रिएटिनिन वहीं जमा होने लगता है और इसकी मात्रा किडनी के अंदर ही बढ़ने लगती है. जिसके गंभीर लक्षण शरीर पर दिखाई देने लगते हैं.

क्रिएटिनिन बढ़ने से शरीर में कई तरह के लक्षण दिखाई देने लगते हैं. सबसे पहले तो किडनी में इंफेक्शन होने लगता है और इसकी शुरुआती यूटीआई से होती है. इसे दौरान महसूस होता है कि बार-बार टॉयलेट आना. कभी पेशाब में जलन की दिक्कत तो कभी पेशाब में कमी. फिर यही इंफेक्शन धीरे-धीरे किडनी तक पहुंच जाता है.

शरीर में क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण शरीर में खुजली होने लगता है. दरअसल, क्रिएटिनिन बढ़ने के कारण शरीर में खराब कंपाउंड्स बढ़ने लगते हैं. जिससे स्किन खराब होने लगती है और वह स्किन पर खुजली की शुरुआत कर देती है. इस दौरान स्किन पर दाने भी हो सकते हैं. ऐसे में डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें और वक्त रहते इलाज करवाएं.

भूख न लगना और मतली आना क्रिएटिनिन बढ़ने के गंभीर लक्षणों में से एक है. इसका साफ अर्थ है कि क्रिएटिनिन इतना ज्यादा बढ़ गया है कि आपको भूख नहीं लग रही है. साथ ही जो भी आप खा रहे हैं वह आपको ठीक से पच नहीं रहा है . बार-बार मचली आ रहा है.

पैरों में सूजन क्रिएटिनिन का बहुत बड़ा कारण हो सकता है. पैरों में सूजन दो कारणों से होता है. पहला अगर लिवर ठीक से काम न करें और दूसरा किडनी अगर ठीक से काम न करें तो पैरों में सूजन होने लगता है. जब किडनी में टॉक्सिक कंपाउंड बड़ने लगता है तब भी पैरों में सूजन होने लगता है.

Related Articles

Back to top button