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Ind vs Eng: 13 नो बॉल और 15 मिनट का एक ओवर, लॉर्ड्स में बुमराह को गुमराह देख बोला इंग्लैंड- अपना काम बनता.

26 ओवर, 79 रन और 0 विकेट… लॉर्ड्स टेस्ट (Lord’s Test) की पहली पारी में ये हाल दिखा जसप्रीत बुमराह (Jasprit Bumrah) की गेंदबाजी का. नॉटिंघम में खेले पहले टेस्ट में भारतीय गेंदबाजी का हीरो, क्रिकेट के मक्का पर आकर जीरो बन गया. पहले टेस्ट में एक 5 विकेट के कमाल के साथ 9 विकेट चटकाने वाले बुमराह दूसरे टेस्ट में खाता भी नहीं खोल सके. बावजूद इसके वो चर्चा में हैं. वजह उनकी ही पुरानी बीमारी यानी नो बॉल फेंकने की समस्या से जुड़ी है. लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में भारतीय गेंदबाजों ने मिलकर कुल 17 नो बॉल (No Ball) डाले. इनमें 13 अकेले जसप्रीत बुमराह ने फेंके. इससे पहले एक इनिंग में सबसे ज्यादा 13 नो बॉल ज़हीर खान ने साल 2002 में वेस्ट इंडीज के खिलाफ खेले टेस्ट में फेंके थे.

लॉर्ड्स टेस्ट की पहली पारी में फेंके 13 नो बॉल में से बुमराह ने 4 नो बॉल तो एक ही ओवर में डाले. बुमराह का ये ओवर 15 मिनट तक चला. हालांकि, इसकी वजह सिर्फ बुमराह का नो बॉल डालना ही नहीं रहा बल्कि जेम्स एंडरसन का कनकशन भी रहा. ये इंग्लैंड की पारी का 126वां ओवर रहा. इस ओवर में बुमराह की पहली ही गेंद एंडरसन के हेलमेट पर जाकर लगी, जिसके बाद कनकशन प्रोटोकॉल के चलते उनकी जांच की गई, जिसमें काफी वक्त जाया हुआ. बहरहाल, जब एंडरसन जांच की प्रक्रिया से गुजरने के बाद लौटे तो शुरू हुआ जसप्रीत बुमराह के नो बॉल का सिलसिला.

बुमराह का एक ओवर 15 मिनट चला

जसप्रीत बुमराह ने इंग्लैंड की पारी के 126वें ओवर में चौथी गेंद, 5वीं गेंद और दो बार छठी गेंद नो बॉल डाली. इस तरह 3 गेंदों के अंतराल पर ही उन्होंने चार नो बॉल फेंके. और 10 गेंदों का एक लंबा ओवर डाला. जसप्रीत बुमराह का ये ओवर 15 मिनट में जाकर खत्म हुआ, जिसका खामियाजा भारत को कई मायनों में भुगतना पड़ सकता है.

बुमराह के 13 नो बॉल के हो सकते हैं 2 बड़े घाटे

पहले तो इससे इंग्लैंड को 27 रन की लीड पहली पारी में लेने में मदद मिली, जो भारत को आगे चलकर भारी पड़ सकता है. और दूसरा एक बार फिर से टीम इंडिया के सिर पर स्लो ओवर रेट का जुर्माना लगने और वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की पॉइंट्स टैली में 2 अंक की कटौती का खतरा मंडरा सकता है. इंग्लैंड के विकेटकीपर बल्लेबाज जॉनी बेयरस्टो ने तो बुमराह के फेंके 13 नो बॉल को पहली पारी में मिली बढ़त में बड़ा फैक्टर माना है.

भारत इस साल 9 टेस्ट में अब तक 89 नो बॉल फेंक चुका है. जबकि साल 2016 से 2020 के बीच उसने 89 नो बॉल 48 टेस्ट में फेंके थे. इन आंकड़ों से साफ है कि हाल के दिनों में भारतीय गेंदबाजी की धार बेशक तेज हुई है पर वो दिशा से भटकती भी दिखी है.

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