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भारत- बांग्लादेश के बीच कुशियारा नदी जल बंटवारे सहित सात करार पर हस्ताक्षर

नई दिल्ली : भारत और बांग्लादेश ने मंगलवार को कुशियारा नदी के जल बंटवारे पर एक महत्वपूर्ण समझौते सहित सात करारों पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भारत यात्रा पर आईं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना के बीच मंगलवार को दिल्ली के हैदराबाद हाउस में द्विपक्षीय वार्ता हुई। वार्ता के बाद दोनों नेताओं ने साझा प्रेसवार्ता को संबोधित किया और दोनों देशों के बीच हुए करारों का आदान-प्रदान किया गया। इनमें भारत और बांग्लादेश द्वारा साझा सीमा नदी कुशियारा से पानी की निकासी, भारत में बांग्लादेश रेलवे कर्मियों का प्रशिक्षण, बांग्लादेश रेलवे के लिए आईटी सिस्टम जैसे एफओआईएस और अन्य आईटी अनुप्रयोगों में सहयोग, भारत में बांग्लादेश न्यायिक अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम, सीएसआईआर, भारत और बीसीएसआईआर, बांग्लादेश के बीच वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहयोग और प्रसार भारती और बांग्लादेश टेलीविजन (बीटीवी) के बीच प्रसारण में सहयोग से जुड़े समझौते शामिल हैं।

परियोजनाओं का उद्घाटन, घोषणा एवं अनावरण
प्रधानमंत्री मोदी और शेख हसीना ने संयुक्त तौर पर मैत्री सुपर थर्मल पावर प्रोजेक्ट की यूनिट-I का अनावरण किया। इसे भारत की रियायती वित्तपोषण योजना के तहत निर्मित किया जा रहा है। यह परियोजना बांग्लादेश के राष्ट्रीय ग्रिड में 1320 मेगावाट जोड़ देगी। इसके अलावा मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को आगे बढ़ाने, दोनों देशों के नागरिकों के बीच संपर्क बढ़ाने और क्षेत्रीय आर्थिक एकीकरण को सुगम बनाने के लिए दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से 5.13 किमी के रूपा रेल पुल का उद्घाटन किया। यह 64.7 किमी खुलना-मोंगला पोर्ट ब्रॉड गेज रेल परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

सड़क निर्माण उपकरण और मशीनरी की आपूर्ति से जुड़ी परियोजना – बांग्लादेश सड़क और राजमार्ग विभाग को 25 पैकेजों में सड़क रखरखाव और निर्माण उपकरण और मशीनरी की आपूर्ति की जाएगी।खुलना दर्शन रेलवे लाइन लिंक परियोजना – यह परियोजना मौजूदा (ब्रॉड गेज का दोहरीकरण) बुनियादी ढांचे का उन्नयन है जो गेदे-दर्शन में वर्तमान सीमा पार रेल लिंक को खुलना से जोड़ती है, जिससे दोनों देशों के बीच, विशेष रूप से ढाका के बीच रेल कनेक्शन में वृद्धि होती है, लेकिन भविष्य में मोंगला पोर्ट के लिए भी। परियोजना की लागत 312.48 मिलियन अमरीकी डॉलर आंकी गई है।पार्वतीपुर-कौनिया रेलवे लाइन – मौजूदा मीटर गेज लाइन को दोहरी गेज लाइन परियोजना में बदलने का अनुमान 120.41 मिलियन अमरीकी डॉलर है। यह परियोजना बिरोल (बांग्लादेश)-राधिकापुर (पश्चिम बंगाल) में मौजूदा सीमा पार रेल से जुड़ेगी और द्विपक्षीय रेल संपर्क को बढ़ाएगी।

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