दुनिया का 5वां सबसे बड़ा इक्विटी मार्केट बना भारत
नई दिल्ली : पिछले करीब 2 महीने से लगातार जारी तेजी के कारण भारतीय पूंजी बाजार एक बार फिर दुनिया का 5वां सबसे बड़ा पूंजी बाजार बन गया है। भारतीय पूंजी बाजार का मार्केट कैप बढ़कर 3.31 ट्रिलियन डॉलर यानी 3.31 लाख करोड़ डॉलर हो गया है। इसके साथ ही घरेलू इक्विटी मार्केट ने फ्रांस के इक्विटी मार्केट को पीछे छोड़ कर टॉप 10 इक्विटी मार्केट में से 5वां स्थान हासिल कर लिया है।
आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में भारतीय पूंजी बाजार फ्रांस से पिछड़ कर छठे स्थान पर पहुंच गया था। लेकिन पिछले कुछ समय से लगातार जारी तेजी के माहौल की वजह से घरेलू इक्विटी मार्केट ने एक बार फिर अपनी ग्लोबल रैंकिंग में सुधार कर लिया है। फ्रांस का इक्विटी मार्केट फिलहाल 3.24 ट्रिलियन डॉलर यानी 3.24 लाख करोड़ डॉलर का है, जिसकी वजह से वह भारत से पिछड़ कर एक बार फिर छठे स्थान पर आ गया है।
इक्विटी मार्केट के मार्केट कैप के लिहाज से टॉप 10 में शुमार देशों में फिलहाल अमेरिकी इक्विटी मार्केट 44.54 ट्रिलियन डॉलर के साथ पहले स्थान पर है। दूसरे स्थान पर 10.26 ट्रिलियन डॉलर के साथ चीन का इक्विटी मार्केट है। जबकि 5.68 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप के साथ जापान का इक्विटी मार्केट तीसरे स्थान पर और 5.14 ट्रिलियन डॉलर के मार्केट कैप हांगकांग का इक्विटी मार्केट चौथे स्थान पर है।
स्टॉक एक्सचेंज से मिले आंकड़ों के मुताबिक भारतीय पूंजी बाजार में 28 मार्च के बाद से लगातार जोश का माहौल बना रहा है। हालांकि बीच-बीच में कई बार वैश्विक दबाव की वजह से बाजार में गिरावट का रुख भी बना है। इसके बावजूद देश की माइक्रो इकोनॉमी की परिस्थितियों में लगातार सुधार होने की वजह से विदेशी निवेशकों का भारतीय बाजार के प्रति लगातार रुझान बना रहा है। मार्च के अंतिम सप्ताह के बाद से लेकर अभी तक बीएसई का सेंसेक्स करीब 13 प्रतिशत तक मजबूत हो चुका है, वहीं बीएसई के मिडकैप और स्मॉलकैप इंडेक्स में भी करीब 15 प्रतिशत तक की तेजी आ चुकी है।
जानकारों का दावा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था के फंडामेंटल्स में पिछले कुछ सालों के दौरान जिस तेजी से सुधार हुआ है, उसकी वजह से आने वाले 5 साल के समय में सेंसेक्स 90 हजार से लेकर 1 लाख तक के स्तर को छू सकता है। हालांकि ऐसा होना तभी संभव है, जब भारतीय पूंजी बाजार में प्रति शेयर आय (ईपीएस) में वार्षिक आधार पर 15 प्रतिशत की बढ़त बनी रहे।
धामी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट प्रशांत धामी का मानना है कि पिछले 5 साल का जो ट्रैक रिकॉर्ड रहा है, उसके आधार पर भारतीय पूंजी बाजार के लिए ईपीएस में 15 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि कोई कठिन लक्ष्य नहीं है। हालांकि वैश्विक अर्थव्यवस्था में होने वाला कोई बड़ा उलटफेर या भारतीय अर्थनीति में होने वाला कोई बड़ा परिवर्तन विपरीत परिणाम देने वाला भी हो सकता है।