भारत ने कनाडा से वीजा प्रोसेसिंग में पारदर्शिता का किया आह्वान, कहा- स्टडी वीजा के लिए परेशान हो रहे हैं छात्र
नई दिल्ली: कनाडा में भारतीयों को वीजा हासिल करने में आ रही दिक्कतों को लेकर भारत ने कड़ा संज्ञान लिया है। भारत ने कनाडा से भारतीयों की प्राथमिकता और अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को देखते हुए वीजा प्रोसेसिंग में पारदर्शिता और गति लाने को कहा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू.टी.ओ.) में कनाडा की 12वीं व्यापार नीति समीक्षा चर्चा के दौरान यह मुद्दा उठाया है। बताया जा रहा है कि खालिस्तानी आतंकी हरदीप निज्जर की मौत के बाद भारत और कनाडा के बीच पैदा हुए तनाव के कारण भारतीय छात्रों को स्टडी वीजा हासिल करने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
भारतीयों को धमकियां देने का मामला भी उठाया
डब्ल्यू.टी.ओ. में समीक्षा चर्चा के दौरान भारत ने कहा है कि कनाडा उच्च शिक्षा के लिए भारतीय छात्रों के लिए सबसे पसंदीदा गंतव्यों में से एक है। इस संदर्भ में और भारतीय छात्रों के अपनी अर्थव्यवस्था में योगदान के संदर्भ में हम कनाडा से भारतीय छात्रों के वीजा प्रोसेसिंग में पूर्वानुमान, पारदर्शिता और शीघ्रता लाने की अपील करते हैं। भारत ने कनाडा में भारतीयों को धमकियां दिए जाने पर भी नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि कनाडा में पढ़ रहे भारतीय छात्रों के मुद्दों का प्राथमिकता के तौर पर समाधान किया जाना चाहिए, जिसमें आवास, धमकी की घटनाएं और सुरक्षा आदि शामिल हैं।
निर्यात पर उच्च शुल्क पर जताई चिंता
भारत की पर्यटन सांख्यिकी रिपोर्ट 2022 के उपलब्ध अनुमानों के अनुसार 18 लाख छात्रों के साथ कनाडा भारतीयों के लिए विदेश में पढ़ाई के लिए दूसरा सबसे पसंदीदा स्थान था। डब्ल्यू.टी.ओ. में भारत ने कपड़े, ड्रेस, ज्वेलरी और रत्नों के साथ चमड़े और जूतों के क्षेत्र में कनाडा द्वारा लगाए गए उच्च शुल्कों पर भी विशेष रूप से चिंता व्यक्त की है। इसमें कहा गया कि इन क्षेत्रों में कनाडा मुख्यतः आयात पर निर्भर है और विकासशील देश मुख्य रूप से इन वस्तुओं का निर्यात कनाडा को करते रहे हैं। भारत ने कनाडा से इन क्षेत्रों पर शुल्क दरों को कम करने का आह्वान किया है।
7 महीने में 3700 विदेशियों को वापस भेजा
कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने विदेशों से आने वाले प्रवासियों की संख्या में कमी लाने की घोषणा की है। कनाडा का आव्रजन विभाग तेजी से वीजा आवेदनों को खारिज कर रहा है। इसके साथ ही तेजी से विदेशी नागरिकों को वापस भी भेजा जा रहा है। कनाडा सीमा सेवा एजेंसी के अनुसार 2024 के पहले सात महीनों में औसतन 3700 विदेशियों को उनके देश वापस लौटाया गया है। कनाडा में हर साल के हिसाब से वापस भेजे जाने वाले विदेशियों की तुलना में यह 20 फीसदी ज्यादा है।