भारत जून तक S-400 मिसाइल सिस्टम तैनात कर सकता है: पेंटागन
वाशिंगटन: भारत को एक साथ पाकिस्तान और चीन से मिल रही चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। दुश्मन देश से होने वाले किसी भी हवाई हमले को रोकने के लिए एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defence system) तैनात किए जाते हैं। भारत ने अपनी बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए रूस से एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम (S-400 Air Defence System) खरीदा है।
अमेरिकी सेना मुख्यालय पेंटागन (Pentagon) का दावा है कि भारत अपने एस-400 सिस्टम को जून तक चीन और पाकिस्तान से मिल रही चुनौतियों से निपटने के लिए तैनात कर सकता है। अमेरिकी कांग्रेस की सुनवाई के दौरान पेंटागन के शीर्ष खुफिया अधिकारी ने कहा कि भारत अपने एयरफोर्स, आर्मी, नेवी और रणनीतिक परमाणु बलों के आधुनिकीकरण के लिए व्यापक प्रयास कर रहा है।
रक्षा खुफिया एजेंसी के निदेशक लेफ्टिनेंट जनरल स्कॉट बेरियर ने कांग्रेस की सुनवाई के दौरान सीनेट की सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों को बताया कि भारत ने पिछले साल दिसंबर में रूस से एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली की डिलीवरी प्राप्त करना शुरू कर दिया था। अक्टूबर 2021 तक भारत की सेना अपनी भूमि और समुद्री सीमाओं को मजबूत करने और अपनी आक्रामक और रक्षात्मक साइबर क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए उन्नत निगरानी प्रणाली खरीदने की मांग कर रही थी।
हाइपरसोनिक मिसाइल क्षमताओं को विकसित कर रहा भारत
जनरल बेरियर ने कहा कि दिसंबर में भारत को रूसी एस -400 वायु रक्षा प्रणाली की प्रारंभिक डिलीवरी मिली। भारत जून 2022 तक पाकिस्तानी और चीनी खतरों से बचाव के लिए इस प्रणाली को संचालित करने का इरादा रखता है। भारत ने अपनी हाइपरसोनिक, बैलिस्टिक, क्रूज और वायु रक्षा मिसाइल क्षमताओं को विकसित करना जारी रखा है। भारत ने 2021 में कई परीक्षण किए। भारत के उपग्रहों की संख्या बढ़ रही है। भारत अंतरिक्ष संपत्ति के अपने उपयोग का विस्तार कर रहा है और संभवतः आक्रामक अंतरिक्ष क्षमताओं को पाने की कोशिश कर रहा है।
घरेलू रक्षा उत्पादन पर जोर दे रहा भारत
लेफ्टिनेंट जनरल बेरियर ने सांसदों को बताया कि नई दिल्ली घरेलू रक्षा उत्पादन पर जोर देते हुए हवाई, जमीनी, नौसैनिक और सामरिक परमाणु बलों को शामिल करते हुए व्यापक सैन्य आधुनिकीकरण प्रयास कर रहा है। भारत इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड स्थापित करने के लिए कदम उठा रहा है, जिससे उसकी तीन सैन्य सेवाओं के बीच संयुक्त क्षमता में सुधार होगा।
2019 से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने घरेलू रक्षा उद्योग का विस्तार करके और विदेशी आपूर्तिकर्ताओं से रक्षा खरीद को कम करने के लिए एक नकारात्मक आयात सूची स्थापित करके भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने को प्राथमिकता दी है। रूस के साथ भारत के लंबे समय से मजबूत रक्षा संबंध हैं। भारत ने यूक्रेन पर रूस के आक्रमण पर तटस्थ रुख बनाए रखा है और शांति का आह्वान करना जारी रखा है।