भारत अब दुनिया के 75% बाघों का घर, 268 से बढ़कर 3,682 हुई संख्या
नई दिल्ली: ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में हर साल की तरह इस साल भी बाघों की संख्या में वृद्धि हुई है। साल 2018 और 2022 के बीच बाघों की आबादी में 23.5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इससे जंगल में बड़ी बिल्लियों की संख्या भी बढ़कर 3,682 हो गई है जो कि शुरू में अनुमानित 3,167 से अधिक है।
एक समय ऐसा था कि जब भारत में देश के राष्ट्रीय पशु टाइगर यानी बाघ की संख्या महज 268 रह गई थी। हालांकि सरकारों के तमाम प्रयासों की बदौलत 2022 की गणना में देश में बाघों की संख्या अब 3167 हो चुकी है। जो कि वैश्विक संख्या का लगभग 75 प्रतिशत है। इससे पहले 2018 में ये संख्या 2947 थी। यानी पिछले चार साल में बाघों की संख्याा में 200 बाघ की बढ़ोतरी हुई है।
1 अप्रैल 1973, प्रोजेक्ट टाइगर
50 साल पहले यानी 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरूआत हुई। बाघों की घटती आबादी को देने संरक्षण और संख्या बढ़ाना है। 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर की शुरूआत साल में बाघ की संख्या महज 268 थी। एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक 1973 में 18287 वर्ग किलोमीटर की जमीन पर 9 टाइगर रिजर्व की प्रारंभिक संख्या बढ़कर अब 53 हो गई है। जो कि 75, 796. 83 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैली है। यह देश के भौगोलिक क्षेत्र का लगभग 2.3 प्रतिशत है। बाघ की गणना हर चार साल पर की जाती है। आइये देखते हैं आकड़े को :
क्र. सं. | साल | बाघों की संख्या |
1. | 2006 | 1411 |
2. | 2010 | 1706 |
3. | 2014 | 2226 |
4. | 2018 | 2667 |
5. | 2022 | 3167 |
6. | ताजा रिपार्ट | 3,682 |