सुपर कम्प्यूटर के क्षेत्र में वैश्विक लीडर बनने की राह पर चलता भारत
नई दिल्ली ( विवेक ओझा ) : विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना आज के भारत के सबसे बड़े लक्ष्यों में से एक है और आज जब साइंस टेक्नोलॉजी क्षेत्र के विकास की बात आती है तो किसी भी देश का सुपरकंप्यूटिंग, क्वांटम कम्प्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, नैनो टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स, ड्रोन टेक्नोलॉजी में स्थिति को आंका जाता है। भारत ने इन सभी क्षेत्रों में विकास के नए मानदंडों को रचने का लक्ष्य बनाया है। इसके लिए भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने विज्ञान प्रौद्योगिकी मंत्रालय को विशेष अनुसंधानों के लिए प्रोत्साहित किया है। भारत ने नेशनल सुपर कम्प्यूटिंग मिशन के तहत वर्ल्ड क्लास के 74 सुपर कंप्यूटरो के विकास का लक्ष्य पहले ही बना रखा है और इस दिशा में जिस तेज गति से कार्य किए हैं उससे भारत विश्व के सबसे तीव्रतम सुपर कंप्यूटर की लिस्ट में शामिल हो चुका है और अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर राष्ट्र को समर्पित किए हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से लगभग 130 करोड़ रुपये की लागत वाले ये तीन परम रुद्र सुपरकंप्यूटर राष्ट्र को समर्पित किए गए हैं। राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन (एनएसएम) के तहत स्वदेशी रूप से विकसित इन सुपरकंप्यूटरों को अग्रणी वैज्ञानिक अनुसंधान को सुविधाजनक बनाने के लिए पुणे, दिल्ली और कोलकाता में तैनात किया गया है। प्रधानमंत्री ने मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार एक हाई-परफॉर्मेंस कंप्यूटिंग (एचपीसी) प्रणाली का भी उद्घाटन किया है। इनके नाम अर्का’ और ‘अरुणिका हैं। ये ऊंचे रिजॉल्यूशन वाले मॉडल उष्णकटिबंधीय चक्रवातों, भारी वर्षा, गरज, ओलावृष्टि, भीषण गर्मी, सूखे और अन्य मौसम संबंधी गंभीर घटनाओं से संबंधित भविष्यवाणियों की सटीकता और समय के अनुमान में खासा सुधार करेंगे।
प्रधानमंत्री ने अनुसंधान, आर्थिक विकास, राष्ट्र की सामूहिक क्षमता, आपदा प्रबंधन, जीवन में आसानी, कारोबारी सुगमता आदि के अवसरों के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा कंप्यूटिंग क्षमताओं पर प्रत्यक्ष निर्भरता को रेखांकित करते हुए कहा, “डिजिटल क्रांति के युग में, कंप्यूटिंग क्षमता राष्ट्रीय क्षमता का पर्याय बन रही है।” उन्होंने कहा कि ऐसे उद्योग इंडस्ट्री 4.0 में भारत के विकास का आधार बनते हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की हिस्सेदारी बिट्स और बाइट्स तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उसका टेराबाइट्स और पेटाबाइट्स तक विस्तार होना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का यह अवसर इस बात का प्रमाण है कि भारत सही दिशा में आगे बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत के वैज्ञानिक और तकनीकी विकास पर जोर देते हुए कहा कि सुपर कंप्यूटर से क्वांटम कंप्यूटिंग तक भारत की यात्रा देश के शानदार विजन का परिणाम है। उन्होंने बताया कि पहले सुपर कंप्यूटर केवल कुछ देशों के डोमेन में थे, लेकिन भारत 2015 में राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के शुभारंभ के साथ अब वैश्विक स्तर पर सुपरकंप्यूटर के लीडर्स की क्षमताओं की बराबरी कर रहा है। उन्होंने कहा कि देश क्वांटम कंप्यूटिंग में अग्रणी स्थिति में आ रहा है, जहां राष्ट्रीय क्वांटम मिशन इस अत्याधुनिक तकनीक में भारत की स्थिति को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने बताया कि इस उभरती हुई तकनीक से दुनिया को बदलने, आईटी क्षेत्र, विनिर्माण, एमएसएमई और स्टार्टअप में अभूतपूर्व बदलाव होने, नए अवसर पैदा होने और भारत को वैश्विक स्तर पर अग्रणी स्थिति में पहुंचने की उम्मीद है।
सुपर कंप्यूटर बाकी कंप्यूटर की तुलना में कहीं ज्यादा तेज होते हैं। ये कठिन से कठिन कैलकुलेशन चंद सेकंड में कर सकते हैं। सुपर कंप्यूटर की स्पीड को फ्लोटिंग प्वॉइंट ऑपरेशन पर सेकंड (FLOPS) से मापा जाता है। FLOPS जितना ज्यादा होगा, सुपर कंप्यूटर की स्पीड उतनी ही ज्यादा होगी। सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल क्वांटम मैकेनिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च, मौसम की भविष्यवाणी, मॉलिक्यूलर मॉड्यूलिंग, फिजिक्स की कैलकुलेशन, न्यूक्लियर फ्यूजन रिसर्च और मेडिकल रिसर्च जैसे काम में होता है। ज्यादातर सुपर कंप्यूटर Linux पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करते हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा सुपर कंप्यूटर अमेरिका और चीन के पास हैं।
आपको बता दें कि सुपर कंप्यूटर बाकी कंप्यूटर की तुलना में कहीं ज्यादा तेज होते हैं। ये कठिन से कठिन कैलकुलेशन चंद सेकंड में कर सकते हैं। सुपर कंप्यूटर की स्पीड को फ्लोटिंग प्वॉइंट ऑपरेशन पर सेकंड (FLOPS) से मापा जाता है। FLOPS जितना ज्यादा होगा, सुपर कंप्यूटर की स्पीड उतनी ही ज्यादा होगी। सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल क्वांटम मैकेनिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस रिसर्च, मौसम की भविष्यवाणी, मॉलिक्यूलर मॉड्यूलिंग, फिजिक्स की कैलकुलेशन, न्यूक्लियर फ्यूजन रिसर्च और मेडिकल रिसर्च जैसे काम में होता है। ज्यादातर सुपर कंप्यूटर Linux पर आधारित ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में सबसे ज्यादा सुपर कंप्यूटर अमेरिका और चीन के पास हैं।
भारत का सबसे तेज सुपर कम्प्यूटर कौन है : भारत के सबसे तेज सुपर कंप्यूटर- ऐरावत (AIRAWAT), परम सिद्धि (PARAM Siddhi), प्रत्यूष (Pratyush) और मिहिर (Mihir) हैं.- ऐरावत को पुणे स्थित सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कम्प्यूटिंग (C-DAC) में इंस्टॉल किया गया है। बताया जाता है कि ये भारत का सबसे तेज और सबसे बड़ा सुपर कंप्यूटर है। दुनिया के सबसे तेज 500 सुपर कम्प्यूटर की लिस्ट में ऐरावत 75वें नंबर पर है। इसकी स्पीड 13.17 पेटाफ्लॉप प्रति सेकंड है। एक पेटाफ्लॉप 1,000 ट्रिलियन फ्लॉप के बराबर होते हैं। इसके बाद परम सिद्धि है। इस लिस्ट में परम सिद्धि 131वें नंबर पर है। इसकी गति 4.62 पेटफ्लॉप प्रति सेकंड है। इस सुपर कंप्यूटर को भी C-DAC में ही लगाया गया है। वहीं, 500 सबसे तेज सुपर कम्प्यूटर्स की लिस्ट में प्रत्युष 169वें और मिहिर 316वें नंबर पर है।