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न्यूक्लियर वॉर में बदल जाएगा भारत-पाकिस्तान युद्ध! अमेरिकी उपराष्ट्रपति का बड़ा बयान

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच लगातार बढ़ता तनाव अब सिर्फ दो देशों तक सीमित नहीं रह गया है—यह वैश्विक चिंता का कारण बन चुका है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत द्वारा आतंक के खिलाफ की गई सर्जिकल प्रतिक्रिया के बाद सीमा पर हालात बेहद संवेदनशील हो गए हैं। गुरुवार और शुक्रवार की रात दोनों देशों के बीच जबरदस्त सैन्य तनाव देखने को मिला। इसी बीच अमेरिका ने पहली बार इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सार्वजनिक रूप से चिंता जताई है।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने एक इंटरव्यू में साफ कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच की मौजूदा स्थिति अगर नियंत्रित नहीं हुई, तो यह परमाणु युद्ध की ओर भी बढ़ सकती है—जो पूरी दुनिया के लिए भयावह परिणाम लेकर आ सकता है। उन्होंने कहा कि अमेरिका इस युद्ध में पक्षकार नहीं बनेगा, लेकिन वह दोनों देशों को कूटनीतिक रूप से शांति की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा।

“हम चाहें भी तो भारत को रुकने या पाकिस्तान को हथियार डालने के लिए मजबूर नहीं कर सकते,” वेंस ने कहा। उन्होंने आगाह किया कि जब दो परमाणु शक्ति संपन्न देश आमने-सामने होते हैं, तो किसी भी क्षण हालात नियंत्रण से बाहर जा सकते हैं। इस बीच अमेरिकी विदेश विभाग ने भी सक्रियता दिखाई है। विदेश मंत्री मार्को रुबियो और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच बातचीत हुई है, जिसमें तनाव को कम करने और क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया गया।

अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा कि अमेरिका दोनों देशों से लगातार संपर्क में है और अपने स्तर पर यह सुनिश्चित कर रहा है कि मामला और गंभीर न हो। उन्होंने पहलगाम हमले को लेकर गहरी संवेदना व्यक्त की और स्पष्ट किया कि आतंकवाद के खिलाफ भारत के कदमों को अमेरिका गंभीरता से देख रहा है। अगर युद्ध हुआ, तो यह विनाशकारी होगा, उपराष्ट्रपति वेंस ने दो टूक कहा। उन्होंने दोनों देशों से संयम बरतने और ‘परमाणु टकराव’ की ओर बढ़ने से पहले ठोस सोच-विचार की अपील की।

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