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ब्रिटिश दूत की पाक अधिकृत कश्मीर की यात्रा पर भारत ने दर्ज की कठोर आपत्ति

नई दिल्ली ( विवेक ओझा) : भारत ने इस्लामाबाद के लिए ब्रिटिश दूत ( British Envoy) जेन मेरियट ( Jane Marriott) की पाक अधिकृत कश्मीर के भ्रमण के लिए कठोर आपत्ति दर्ज की है। भारत ने कहा है कि ये बिलकुल भी स्वीकार्य नही है और देश की प्रादेशिक अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन है। कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और पीओके कश्मीर का अंग है , इस लिहाज से ब्रिटिश दूत का पीओके विजिट करना वांछनीय नहीं है।

जेन मेरियट ने पाक अधिकृत कश्मीर ( Pak occupied kashmir) के मीरपुर क्षेत्र की यात्रा की है और कई बिजनेस पर्सन से मीटिंग भी की है। वह लोकल कम्युनिटी के लोगों और वहां के सरकारी अधिकारियों से भी मिली। भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ( Vinay kwatra) ने कहा कि यह विजिट हाइली ऑब्जेक्शनेबल है और उन्होंने भारत में ब्रिटिश हाई कमिशनर एलेक्स ऐलिस ( Alex Allis) को अपना जोरदार विरोध दर्ज़ किया है।

पिछले वर्ष भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू विश्वविद्यालय में ‘सुरक्षा सम्मेलन’ के दौरान दिए भाषण में कहा था कि पाकिस्तान ने कश्मीर पर अवैध कब्जा कर रखा है। वह भारत का हिस्सा था और होकर रहेगा। उन्होेंने कहा था कि वहां के लोग देख रहे हैं कि इस पार जम्मू-कश्मीर में लोग अब कितनी शांति से जीवन जी रहे हैं, ऐसे में पीओके के लोग जिस तकलीफ से गुजर रहे हैं, उसे देखते हुए वहां के लोग जल्द ही भारत के साथ जाने की मांग उठाएंगे।

1947 में जिस पूरे क्षेत्र पर पाकिस्तान ने कब्जा किया, उसे दो भागों में बांट दिया-गिलगित बाल्टिस्तान और आजाद कश्मीर कहने लगा जो कि वास्तव में पाक अधिकृत कश्मीर है। गिलगित बाल्टिस्तान का क्षेत्रफल 28 हजार 147 वर्ग मील है, यहां की राजधानी गिलगित है। जबकि पीओके का क्षेत्रफल 5,134 वर्ग मील है और यहां की राजधानी मुजफ्फराबाद है। यहां की कुल आबादी करीब 60 लाख मानी जाती है। गिलगिट बाल्टिस्तान पर कब्जे के बाद पाकिस्तान ने चाल चली। वहां की सेना ने वहां से स्थानीय कश्मीरियों पर जुल्म ढाकर खदेड़ दिया। आजादी के वक्त वहां शिया और सूफी बड़ी संख्या में रहते थे लेकिन धीरे धीरे वे अल्पसंख्यक हो गए।

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