
नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोयला मंत्रालय (ministry of coal) के 141 वाणिज्यिक कोल खदानों की बिक्री (Sale of 141 Commercial Coal Mines) की छठी नीलामी प्रक्रिया का शुभारंभ किया। वित्त मंत्री ने गुरुवार को यहां कोयला खानों की वाणिज्यिक नीलामी की शुरुआत के मौके पर निवेशकों को संभावना वाले ऊर्जा संसाधनों में निवेश के लिए आगे आने को कहा।
निर्मला सीतारमण ने निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत उनके निवेश को ‘संभालने’ के लिए नीतिगत स्थिरता, पारदर्शिता और विचार-विमर्श वाली कामकाज के संचालन की प्रक्रिया की पेशकश करता है। उन्होंने कोयले में निवेश की जरूरत पर जोर देते हुए निवेशकों से कहा कि कोयले के गैसीकरण में मदद के लिए हमें और अधिक निवेश की जरूरत है। मैं आप सभी को वाणिज्यिक कोयाला खानों के छठे दौर की नीलामी प्रक्रियाओं में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए आमंत्रित करती हूं, जो आज शुरू हुई है।
इस अवसर पर केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि ऐसे समय में जब मंदी की बात हो रही है। भारत सबसे तेजी से बढ़ने वाली और सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्था है। उन्होंने कहा कि निविदा दस्तावेज की बिक्री शुरू हो गई है। खदानों का विवरण, नीलामी की शर्तें और बिक्री कार्यक्रम की जानकारी एमएसटीसी नीलामी प्लेटफार्म से ऑनलाइन भी एक्सेस की जा सकती है। जोशी ने बताया कि नीलामी की प्रक्रिया राजस्व में प्रतिशत हिस्सेदारी के आधार पर पारदर्शी तरीके से दो चरणों में ऑनलाइन संचालित की जाएगी।
दरअसल वाणिज्यिक खानों की नीलामी के छठे दौर में 141 कोयला और लिग्नाइट खदानों की बिक्री की जाएगी। कोयल मंत्रालय ने अबतक करीब 67 कोयला खदानों को वाणिज्यिक खनन के लिए नीलामी कर चुकी है। खान मंत्रालय ने बताया कि नीलामी से प्राप्त समूची राशि कोयला खानों से संबंधित राज्य सरकारों को आवंटित की जायेगी। इससे संबद्ध राज्यों को व्यापक सामाजिक आर्थिक लाभ पहुंचेंगे। इन राज्यों में अरूणाचल प्रदेश, असम, बिहार, झारखंड, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, ओडिसा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं।