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भारत 13000 फीट ऊंचाई पर, लद्दाख में सबसे ऊंचा एयरफील्ड बनाएगा, चीन पर होगी नजर

नईदिल्ली : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज जम्मू कश्मीर के दौरे पर हैं. यहां वे 2491 करोड़ की 90 परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे. राजनाथ सिंह सांबा में 422.9 मीटर लंबे देवक ब्रिज का उद्घाटन करेंगे. यहीं से वे 89 प्रोजेक्ट्स का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए शिलान्यास करेंगे. इनमें 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनने वाला न्योमा एयरफील्ड भी शामिल है. 218 करोड़ की लागत से बन रहे इस एयरफील्ड से फाइटर जेट उड़ान भर सकेंगे और उतर सकेंगे. खास बात ये है कि ये एयरफील्ड LAC से सिर्फ 50 किलोमीटर दूरी पर है.

BRO पूर्वी लद्दाख के रणनीतिक न्योमा बेल्ट में इस एयर फील्ड का निर्माण करेगी. यह दुनिया का सबसे ऊंचा एयरफील्ड होगा. इसके लिए 218 करोड़ रुपये अनुमानित लागत रखी गई है. यह रणनीतिक तौर पर काफी अहम माना जा रहा है. क्योंकि इसके बनने से LAC के करीब तक फाइटर ऑपरेशन हो सकेंगे. इसके साथ ही यह लद्दाख में तीसरा फाइटर एयरबेस होगा. इससे पहले लेह और थोईस में एयरबेस हैं.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सांबा से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए इस एयर फील्ड की आधारशिला रखेंगे. अभी न्योमा एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड का इस्तेमाल 2020 से चीन के साथ चल रहे गतिरोध के दौरान जवानों और अन्य सामान को पहुंचाने के लिए किया जाता रहा है. यहां से चिनूक हेवी-लिफ्ट हेलिकॉप्टर और सी-130जे विमान भी उड़ान भरते और उतरते रहे हैं.

अब यहां ऐसे एयरफील्ड का निर्माण किया जा रहा है, जहां लड़ाकू विमान भी उतर सकेंगे. इस एयरफील्ड के बनने के बाद लद्दाख में हवाई बुनियादी ढांचे को काफी बढ़ावा मिलेगा और हमारी उत्तरी सीमाओं पर वायुसेना की क्षमता में वृद्धि होगी.

लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर निगरानी और सुरक्षा के लिए न्योमा एयरफील्ड काफी अहम माना जा रहा है. इस नए एयरबेस से लद्दाख में निगरानी बढ़ाने के लिए लड़ाकू विमान, नए रडार और उन्नत ड्रोन संचालित हो सकेंगे. इस एयरबेस को तैयार करना, लगातार आक्रामक होते रहे चीन के खिलाफ आक्रामक क्षमताओं को बढ़ाने की योजना का हिस्सा है. हालांकि साल 2020 के बाद उस जैसी कोई झड़प नहीं हुई है, लेकिन तनाव बढ़ने के तीन साल बाद से दोनों पक्षों की ओर से बड़ी संख्या में तैनाती का गई है.

इसके अलावा राजनाथ सिंह पश्चिम बंगाल में पुनर्निर्मित बागडोगरा और बैरकपुर एयरफील्ड का भी आज उद्घाटन करेंगे. बीआरओ ने इन एयरफील्ड को 529 करोड़ रुपये की लागत से सफलतापूर्वक पुनर्निर्माण किया है. इन एयरफील्ड से न केवल उत्तरी सीमाओं पर भारतीय वायुसेना को मजबूती मिलेगी, बल्कि क्षेत्र में वाणिज्यिक उड़ान संचालन की सुविधा भी प्रदान करेंगे.

BRO देश के विकास में अहम भूमिका निभा रहा है. बीआरओ ने पिछले दो सालों में 5100 करोड़ रुपये की लागत से रिकॉर्ड 205 बुनियादी परियोजनाएं देश को सौंपी हैं. बीआरओ ने पिछले साल, 2897 करोड़ रुपये की लागत से 103 परियोजनाएं जबकि 2021 में, 2229 करोड़ रुपये की लागत से 102 रियोजनाएं राष्ट्र को समर्पित की.

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