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चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता से मिले भारतीय राजदूत

बीजिंग : चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिस्री ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केन्द्रीय समिति में विदेश मामलों के आयोग में उप निदेशक लिऊ जियान्चाओ से मुलाकात करके उन्हें पूर्वी लद्दाख में सीमाक्षेत्र पर मौजूदा हालात से अवगत कराने के साथ यह भी कहा कि भारत-चीन द्विपक्षीय संबंधों में समग्र प्रगति के लिए यह आवश्यक है।

बीजिंग स्थित भारतीय दूतावास ने यहां बताया कि श्री मिस्री ने बुधवार को यहां सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी में देश की विदेश नीति का निर्धारण करने वाले केन्द्रीय वैदेशिक आयोग के उप निदेशक को वास्तविक नियंत्रण रेखा पर स्थिति तथा उसे लेकर भारत के पक्ष से भी अवगत कराया और बताया कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के समग्र विकास के लिए सीमा पर शांति एवं स्थिरता अनिवार्य है। इसके लिए भारत एवं चीन की सेनाओं को अप्रैल 2020 की पूर्व की स्थिति में लौटना होगा।

सूत्रों के अनुसार भारतीय राजदूत ने देप्सांग वाई जंक्शन, गलवान घाटी, गोगरा-कोंगका ला, हॉट स्प्रिंग, दौलतबेग ओल्डी और पेंगांग झील के क्षेत्र में चीनी सेना के आगे बढ़ने से यथास्थिति में एकतरफा बदलाव करने को लेकर भारत की आपत्तियों को भी व्यक्त किया। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केन्द्रीय समिति के विदेश मामलों के आयोग के निदेशक यांग जिची हैं जो पहले भारत चीन सीमा मसले पर विशेष प्रतिनिधि स्तर की व्यवस्था में चीन के प्रतिनिधि थे।

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