भारतीय राजदूत की दोहा में तालिबान नेता मोहम्मद अब्बास से पहली अधिकारिक मुलाकात
दोहा: कतर के दोहा में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान (Taliban) के राजनीतिक ऑफिस के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास से मुलाकात की. यह बैठक तालिबान की मांग पर तय की गई. इस दौरान अफगानिस्तान (Afghanistan) में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और शीघ्र वापसी पर चर्चा हुई. अफगान नागरिकों विशेषकर अल्पसंख्यकों, जो भारत की यात्रा करना चाहते हैं को लेकर भी चर्चा हुई. राजदूत मित्तल ने अफगानिस्तान की धरती का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल किए जाने को लेकर चिंता जताई.
बता दें, भारत और तालिना के बीच यह पहली अधिकारिक बैठक है. तालिबान ने भारत के मुद्दों पर समर्थन का भरोसा दिया है. तालिबान के प्रतिनिधि ने राजदूत को आश्वासन दिया कि इन मुद्दों पर सकारात्मक रूप विचार किया जाएगा. दूसरी तरफ अमेरिकी सेंट्रल कमान द्वारा युद्धग्रस्त देश से अमेरिकी सैनिकों की वापसी पूरी होने के बाद तालिबानियों के बीच जश्न का माहौल है. तालिबान अफगानिस्तान पर कब्जे को अपनी दूसरी आजादी बता है. साथ ही अफगानिस्तान की जनता को भरोसे में लेने की कोशिश में जुट गया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज़ कर जानकारी दी है कि भारत ने तालिबान से बातचीत की है। यह पहली बार है जब तालिबान द्वारा अफगानिस्तान पर कब्ज़ा किए जाने के बाद भारत ने आधिकारिक तौर पर तालिबान से बातचीत की है। बातचीत अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों की सकुशल वापसी और अफगानिस्तान को लेकर भारत की चिंताओं पर केंद्रित रही। विदेश मंत्रालय ने बताया है कि 31 अगत को कतर में भारत के राजदूत दीपक मित्तल ने तालिबान के दोहा राजनीतिक कार्यालय के प्रमुख शेर मोहम्मद अब्बास स्तनेकजई से मुलाकात की है। भारत ने कहा है कि बातचीत तालिबान के अनुरोध पर दोहा स्थित भारतीय दूतावास में हुई है।
क्या बात हुई?
अफगानिस्तान में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनकी भारत वापसी पर चर्चा केंद्रित रही है। राजदूत मित्तल ने इस बात पर चिंता जताई है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत विरोधी गतिविधियों और आतंकवाद के लिए नहीं किया जाना चाहिए। भारत के इन मसलों को लेकर शेर मोहम्मद अब्बास स्तनेकजई ने आश्वासन दिया है कि इन मुद्दों को सकारात्मक नजरिए से संबोधित किया जाएगा।
बता दें कि हालिया दिनों में तालिबान नेताओं ने कई बार कहा है कि भारत इस क्षेत्र का अहम देश है और हम भारत से अच्छे रिश्ते चाहते हैं। तालिबान ने अफगानिस्तान में भारतीय निवेश का स्वागत किया है और कहा है भारत अफगानिस्तान में प्रोजेक्ट्स पर काम करना जारी रख सकता है। तालिबान ने लगातार दावा किया है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं किया जाएगा।