टॉप न्यूज़राष्ट्रीय

भारतीय सेना की LAC-LOC पर पैनी नजर, दुश्मन सैनिकों को दिया करारा जवाब-रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट

नई दिल्ली : भारतीय सेना चीन और पाकिस्तान की सीमाओं पर कड़ी नजर बनाए हुए है और सीमा पर बनने वाले किसी भी हालात से निपटने के लिए तैयार है. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि बीते साल फरवरी में जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तान सीमा (LOC) पर संघर्षविराम पर सहमति के बाद उल्लंघन की सिर्फ तीन मामूली घटनाएं दर्ज की गई हैं.

रक्षा मंत्रालय ने वार्षिक समीक्षा में जम्मू-कश्मीर का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने प्रॉक्सी वॉर के ढांचे को बरकरार रखा है और आतंकवादी प्रशिक्षण शिविरों की सक्रियता और लगातार घुसपैठ के प्रयास उसकी मंशा साबित करते हैं. इसके साथ ही नशीले पदार्थ और आतंकवाद गठजोड़ का लगातार फायदा उठा रहा है ताकि निर्दोष युवाओं को आम लोगों को निशाना बनाने के लिए उकसाया जा सके.

मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि LOC को लेकर दोनों पक्षों के बीच सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच हुई संघर्षविराम सहमति का पालन करने से स्थिति पहले से बेहतर है. रक्षा मंत्रालय ने चीन और पाकिस्तान को लेकर शनिवार को कहा कि भारतीय सेना सैन्य आधुनिकीकरण और भारत के विरोधियों की आक्रामक कार्रवाइयों के परिणामस्वरूप सभी तरह के सैन्य हालात से निपटने के लिए तैयार है. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते खतरों की सेना लगातार निगरानी कर रही है. भारत की स्थिरता और प्रभुत्व सुनिश्चित करने के लिए अपनी तैयारियों को बनाए रखने के लिए ध्यान केंद्रित कर रही है.

LAC पर हालात को लेकर मंत्रालय ने कहा कि PLA सैनिकों ने 9 दिसंबर को तवांग सेक्टर के यांग्त्से क्षेत्र में सीमा पार करने और यथास्थिति बदलने की कोशिश की. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा संसद में दिए गए बयान का जिक्र करते हुए कहा गया है कि उन्होंने सूचित किया कि भारतीय सैनिकों ने दृढ़ता और मजबूती से चीनी सैनिकों को जवाब दिया. पूर्वी लद्दाख विवाद का उल्लेख करते हुए मंत्रालय ने कहा कि क्षेत्र में बचे हुए गतिरोध वाले स्थलों पर तनाव कम करने के लिए बैठक को लेकर बातचीत निर्धारित की जा रही है.

रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि सेना ने लगातार उग्रवाद और आतंकवाद विरोधी अभियानों को अंजाम दिया और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए उभरते खतरों की निगरानी की. मंत्रालय ने कहा कि भारतीय सेना सीमा पर किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए तैयार रहती है. इसके साथ ही सेना ने साइबर, अंतरिक्ष और सूचना के क्षेत्र में खतरों से निपटने के लिए भी अपनी क्षमता का निर्माण किया है.

Related Articles

Back to top button