नई दिल्ली। वैश्विक स्तर पर मौद्रिक नीति में आक्रामक रूख (Aggressive stance in monetary policy) के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian economy) बेहतर स्थित में है। भारत आने वाले वर्षों में वृहद आर्थिक स्थिरता के दम पर मध्यम तेज गति से विकास करने में सक्षम है। वित्त मंत्रालय ने अक्टूबर के लिए जारी मासिक आर्थिक समीक्षा में यह जानकारी दी है।
वित्त मंत्रालय की ओर से गुरुवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक खरीफ की फसल की आवक के साथ आने वाले महीनों में मुद्रास्फीतिक दबाव कम होगा। इसके साथ ही कारोबार की संभावनाओं में सुधार के साथ रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। मंत्रालय ने मासिक आर्थिक समीक्षा में आगाह किया गया है कि अमेरिकी मौद्रिक सख्ती भविष्य के लिए एक जोखिम की तरह है।
रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा वैश्विक हालात की वजह से स्टॉक की कीमतों में गिरावट, मुद्राओं में कमजोरी और उच्च बॉन्ड प्रतिफल जैसी चीजें हो सकती हैं। इससे दुनियाभर की कई सरकारों के लिए उधार लेने की लागत भी बढ़ सकती है। मासिक आर्थिक समीक्षा के अनुसार वैश्विक मंदी की आशंका भारत के निर्यात कारोबार की उम्मीदों को कम कर सकते हैं। हालांकि, लचीली घरेलू मांग, एक मजबूत वित्तीय प्रणाली और संरचनात्मक सुधारों के साथ एक सक्रिय निवेश चक्र आर्थिक विकास को आगे बढ़ने के लिए गति देगा।