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भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी वरुण कुमार बोले-खेल क्षेत्र में बहुत पीछे है हिमाचल

शिमला/चम्बा: टोक्यो ओलिंपिक में कांस्य पदक जीतकर लौटी भारतीय हॉकी टीम के खिलाड़ी वरुण कुमार का कहना है बाहरी देशों की अपेक्षा खेल क्षेत्र में हिमाचल बहुत पीछे है। यहां खेलों और खिलाड़ियों की प्रतिभा को निखारने के लिए विशेष कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि अगर वह हिमाचल प्रदेश में ही होते तो शायद कभी भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा नहीं बन पाते क्योंकि प्रदेश में खेल प्रतिभाओं को निखारने के लिए मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। यह बात उन्होंने राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर कही।

वरुण के मुताबिक देश में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। सरकार को खेल स्टेडियमों के साथ खिलाड़ियों की प्रतिभा निखारने के लिए प्रभावशाली प्रयास करने चाहिए। देश में अनुभवी कोचों का अभाव है। सरकार को चाहिए कि खेल स्टेडियम बनाकर शिक्षित, कुशल और अनुभवी कोचों की तैनाती की जाए। जिला चम्बा में भी खेल अकादमी और कोचों का अभाव ही प्रतिभा की राह में सबसे बड़ा रोड़ा है।

वरुण ने कहा कि कठिन परिश्रम ही सफलता की पहली सीढ़ी है। किसी भी खेल में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए जी-जान लगानी पड़ती है। यदि कठिन परिश्रम नहीं करेंगे तो कौन पूछेगा। उन्होंने कहा कि टोक्यो ओलिंपिक में भाला फैंक और जैवलिन थ्रो में कीर्तिमान बनाने वाले खिलाड़ियों को अब पूरा विश्व जानता है। किसी भी खिलाड़ी का हाथ पकड़कर उसे आगे नहीं लाया जाता है। कठिन परिश्रम से ही सफलता कदम चूमती है। वरुण ने कहा कि आज के युवा नशे की लत में फंसकर अपना जीवन बर्बाद करने के साथ परिवारों का भी नाम डूबो रहे हैं। युवाओं को कड़ी मेहनत से खेल प्रतिस्पर्धाओं में भाग लेकर आगे बढ़ना चाहिए।

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