दस्तक-विशेष

भारतीय भाषाएं बचेंगी तभी बचेगा भारत : प्रो.संजय द्विवेदी

भुवनेश्वर। उड़ीसा के मुख्यमंत्री श्री मोहनचरण मांझी का कहना है कि आत्मनिर्भर भारत ही स्वदेशी के संकल्प और भारत के जगद्गुरू बनने का सपना पूरा करेगा। वे यहां उड़िया दैनिक ‘निर्भय’ के स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा विकसित भारत हमारा साझा सपना है, सभी अपनी जिम्मेदारी निभाएं तो इसे कोई रोक नहीं सकता। उन्होंने कहा कि समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका है।

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने कहा कि भारतीय भाषाएं बचेंगी तभी भारत बचेगा।

उनका कहना था किसी भी देश ने पराई भाषा में न तो प्रगति की है, न ही मौलिक विचार इससे उपजते हैं। इसलिए भारतीय भाषाओं के उत्थान से ही हमारी कला, साहित्य, संस्कृति, सिनेमा,रंगमंच और प्रदर्शन कलाएं संरक्षित रहेंगी। उन्होंने कहा कि स्वराज लाना है तो ‘स्वदेश’ बनाना भी होगा, तभी स्वदेशी के आधार पर देश खड़ा होगा।

प्रोफेसर द्विवेदी ने कहा कि हमने वसुधा को कुटुम्ब माना पर आज तो हमारे परिवार भी खतरे में हैं। परिवार नहीं बचे तो मूल्य और संस्कृति दोनों नहीं बचेगी। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार सत्य सुंदर बारीक, संपादक नवीन दास ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष जय नारायण मिश्र, पूर्व वित्त मंत्री प्रफुल्ल घड़ेई, पूर्व कृषि मंत्री अमर प्रसाद सत्पथी, उड़िया फिल्म अभिनेत्री पिंकी प्रधान, साहित्यकार गौरहरि दास, भाजपा प्रवक्ता सज्जन शर्मा उपस्थित रहे। संचालन संबित महापात्र ने किया।

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