स्पोर्ट्स डेस्क : ओलंपिक में भारतीय महिला हॉकी टीम के कांस्य पदक के प्लेऑफ मैच में ब्रिटेन से 4-3 से हार के कुछ घंटे बाद मुख्य कोच शोर्ड मारिन ने इस्तीफा देने का ऐलान किया. भारतीय टीम के चौथे पायदान पर रहने का श्रेय उनकी ट्रेनिंग को है. मारिन ने इस बारे में बोला कि ब्रिटेन के खिलाफ कांस्य पदक का प्लेऑफ मैच इस टीम के साथ उनकी अंतिम जिम्मेदारी थी.
47 साल के शोर्ड की देखरेख में महिला हॉकी टीम ने ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया. नीदरलैंड के इस पूर्व प्लेयर ने भारतीय मीडिया के साथ ऑनलाइन संवाददाता सम्मेलन में बोला कि मेरी योजना नहीं है क्योंकि भारतीय महिलाओं के साथ ये मेरा अंतिम मैच था. यह अब जानेका (शोपमैन) की जिम्मेदारी है.
वैसे मारिन और टीम के एनालिटिकल कोच जाने का शोपमैनको भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) द्वारा कार्यकाल विस्तार की पेशकश थी, पर मुख्य कोच ने व्यक्तिगत कारणों से इस प्रस्ताव को अस्वीकार किया. इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने एक समाचार एजेंसी को बोला कि शोपमैन के अब पूर्णकालिक आधार पर मारिन का पद संभालने की उम्मीद है.
मारिन 2017 में भारतीय महिला टीम के कोच बने थे. उन्हें इसके बाद पुरुष टीम का कोच बना दिया गया और 2018 में फिर से महिला टीम का कोच बनाया गया. मारिन ने नीदरलैंड के लिए खेला है, और उनकी देखरेख में नीदरलैंड की अंडर -21 महिला टीम ने वर्ल्ड कप खिताब और सीनियर महिला टीम ने 2015 में हॉकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल्स में गोल्ड जीता. कोरोना की वजह से लागू प्रतिबंधों के चलते वो पिछले 16 महीने से अपने घर नहीं जा सके थे.