मध्य एशिया में मजबूत पकड़ के लिए जरूरी है भारत का कज़ाखस्तान से संबंध
नई दिल्ली ( दस्तक ब्यूरो) : कजाकिस्तान टूरिज्म नेशनल कंपनी ने साउथ एशिया के सबसे बड़े इंटरनेशनल टूरिज्म एग्जिबिशन SATTE के कार्यक्रम के दौरान अपना पहला इंटरनेशनल ऑफिस भारत में खोला है। ऐसे कदम भारत और मध्य एशियाई देश कजाकिस्तान के बीच आर्थिक संबंधों को एक नई ऊंचाई पर ले जायेंगे। कजाकिस्तान की कंपनियां भारत में काम करें और भारतीय कंपनियों की मजबूत उपस्थिति कजाकिस्तान और अन्य मध्य एशियाई देशों में हों, इसके लिए भारत सरकार कनेक्ट सेंट्रल एशिया पॉलिसी पर भी काम कर रही है।
गौरतलब है कि कजाकिस्तान भारत का रणनीतिक साझेदार है। 2023 में 1 बिलियन अमरीकी डालर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ कज़ाख़िस्तान भारत के प्रमुख व्यापार भागीदार के रूप में उभरा है। भारत ने कजाकिस्तान से कच्चा तेल , हाइड्रोजन , सिल्वर, एस्बेस्टस खरीदा है। ओएनजीसी ने सतपायेव तेल ब्लॉक में निवेश किया है। भारत की तेल कंपनियां नए उत्पादक ब्लॉकों की तलाश में रुचि रखती हैं। भारत कजाकिस्तान से प्राकृतिक यूरेनियम भी खरीदता है और इस तरह कजाकिस्तान भारत की ऊर्जा जरूरतों के लिए एक महत्वपूर्ण आपूर्तिकर्ता के रूप में उभरा है।
पंजाब नेशनल बैंक की लगभग एक दशक से कजाकिस्तान में वाणिज्यिक उपस्थिति है, जो इस क्षेत्र के साथ वाणिज्यिक संबंधों को बढ़ाने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कजाकिस्तान में 400 मिलियन अमरीकी डालर से अधिक भारतीय निवेश और भारत में कजाकिस्तान के 68 मिलियन अमरीकी डालर के निवेश के साथ, फार्मास्युटिकल्स, चाय और कृषि उत्पाद हमारे हित के प्राथमिक क्षेत्र बने हुए हैं।
कजाकिस्तान सरकार का ‘डिजिटल कजाकिस्तान’ कार्यक्रम देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था के निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रेरणा है। भारत सरकार के विभिन्न ई-गवर्नेंस कार्यक्रमों का अध्ययन करने के लिए कजाकिस्तान के आधिकारिक प्रतिनिधिमंडलों ने भारत का दौरा किया है । भारतीय आईटी कंपनियों को कजाकिस्तान में आईटी और आईटीईएस के मौकों को गंभीरता से देखना चाहिए।