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भारत की वंदे भारत एक्सप्रेस ने बुलेट ट्रेन को पीछे छोड़ा, महज इतने सेकंड में पकड़ी 100 किमी की रफ्तार

नई दिल्ली : देश में बनी और डिजाइन की गई सेमी हाईस्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) ने स्पीड के मामले में बुलेट ट्रेन को भी पीछे छोड़ दिया है। यह जानकारी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Union Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने एक वीडियो शेयर कर दी। उन्होंने कहा कि कैसे भारत की इस ट्रेन ने स्पीड पकड़ने के मामले में बुलेट ट्रेन को भी पीछे छोड़ दिया है।

केंद्रीय रेल मंत्री के मुताबिक, भारत की सेमी हाई स्पीड वंदे भारत ट्रेन महज 52 सेकंड में शून्य से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ लेती है। जबकि वही जापान (Japan ) में बनी बुलेट ट्रेन 100 किलोमीटर की स्पीड पकड़ने में 55 सेकंड का समय लेती है। इसके अलावा वीडियो में दिखाया गया है कि वंदे भारत ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही है। बावजूद इसके गिलास में भरा पानी तक नहीं छलक रहा है। इस वीडियो में चलती ट्रेन के अंदर मोबाइल फोन की स्क्रीन पर स्पीड मीटर से ट्रेन की गति नापी गई है। इसमें दिखाया है कि स्पीडोमीटर पर ट्रेन की गति 180 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 183 किलोमीटर की रेंज में दिख रही है।

केंद्रीय रेल मंत्री ने ‘मेड इंडिया’ कैप्शन के साथ ट्विटर पर वीडियो शेयर किया है। रेल मंत्री वैष्णव ने कहा, ट्रेन की स्पीड 180 किलोमीटर के पार जाने के बावजूद गिलास का पानी बाहर नहीं छलक रहा। यह भारत की एडवांस तकनीक का नायाब नमूना है। हमारी वंदे भारत ट्रेन पूरी तरह देश में डिजाइन और बनाई गई है। ट्रेन की स्पीड का यह ट्रायल राजस्थान (Rajasthan) के कोटा से नागदा रेलवे स्टेशन के बीच किया गया। इस दौरान कई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन ने 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ी।

वंदे भारत एक्सप्रेस, जिसे ट्रेन 18 के नाम से जाना जाता है। वह भारत की पहली सेमी हाईस्पीड इंटरसिटी ईएमयू ट्रेन है। मार्च 2022 से भारतीय रेलवे (Indian Railways) इसे दो रूटों पर चला रही है। पहली ट्रेन दिल्ली से श्री माता वैष्णो देवी कटरा के लिए चलती है। जबकि दूसरी ट्रेन नई दिल्ली से वाराणसी के लिए जाती है। जल्द ही तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस भी पटरी पर उतर सकती है। पूरी तरह भारत में विकसित इस ट्रेन में सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन इंजन लगा है, जो बोगी में ही जुड़ा हुआ है। इसके सभी दरवाजे ऑटोमेटिक हैं और कोच में लगी चेयर 180 डिग्री पर रोटेट हो सकती हैं।

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