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इंदौर की बहू निकिता कुशवाह बनीं मिसेज यूनिवर्स फर्स्ट रनर-अप, भारत का गौरव बढ़ाया

इंदौर : इंदौर की बहू, निकिता कुशवाह, ने मिसेज यूनिवर्स 2024 प्रतियोगिता में फर्स्ट रनर-अप का प्रतिष्ठित खिताब हासिल कर भारत का नाम गर्व से ऊंचा किया है। उत्तर एशिया का प्रतिनिधित्व करते हुए निकिता की यह उपलब्धि वैश्विक मंच पर भारतीय महिलाओं की असीम प्रतिभा और दृढ़ संकल्प को दर्शाती है। पेशे से कार्डियक और रेस्पिरेटरी फिजियोथेरेपिस्ट, निकिता की यह जीत कड़ी मेहनत, समर्पण और एक अदम्य जीतने की भावना का प्रतीक है। दक्षिण कोरिया के इंचियोन में 2 से 10 अक्टूबर तक आयोजित 47वें मिसेज यूनिवर्स के संस्करण में 100 से अधिक देशों की प्रतियोगियों ने भाग लिया। इस प्रतियोगिता में निकिता के फाइनल तक पहुंचने ने उनकी बुद्धिमत्ता, समाज सेवा के प्रति समर्पण और उनकी अद्वितीय सुंदरता का परिचय दिया।

इंदौर लौटने पर मीडिया से बातचीत करते हुए निकिता ने कहा, “मैं अपने परिवार, दोस्तों और शुभचिंतकों से मिले समर्थन के लिए आभारी हूँ। यह खिताब उन सभी महिलाओं के लिए है जो सपने देखती हैं और उन्हें पूरा करने का साहस रखती हैं। मैं चाहती हूँ कि मेरी यह उपलब्धि और भी महिलाओं को अपने शौक और जुनून को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित करे।” निकिता ने मिसेज यूनिवर्स प्रतियोगिता के नेशनल कास्ट्यूम राउंड में अयोध्या के राम मंदिर थीम पर आधारित ड्रेस पहनकर सबको प्रभावित किया। इस पर उनका कहना था, “दुनिया के सामने अपने देश का गौरव पेश करने का यह सबसे अच्छा अवसर था। मिसेज यूनिवर्स सिर्फ एक सौंदर्य प्रतियोगिता नहीं है, यह विवाहित महिलाओं को अपने समुदाय में योगदान देने और अपनी उपलब्धियों को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है।”

यह प्रतियोगिता दुनिया भर की 18 से 55 वर्ष की विवाहित, तलाकशुदा और विधवा महिलाओं के लिए खुली थी। इसमें केवल सुंदरता ही नहीं, बल्कि बुद्धिमत्ता, व्यक्तित्व और सामाजिक कार्यों के प्रति समर्पण के आधार पर प्रतिभागियों का मूल्यांकन किया गया। प्रतियोगिता में बेलारूस की नतालिया डोरोशको को मिसेज यूनिवर्स का ताज पहनाया गया, लेकिन निकिता कुशवाह की प्रथम रनर-अप के रूप में उपलब्धि भी कम महत्वपूर्ण नहीं है। घरेलू हिंसा के खिलाफ जागरूकता फैलाने और सामाजिक मुद्दों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता ने जजों और दर्शकों को खासा प्रभावित किया। निकिता कुशवाह की मिसेज यूनिवर्स प्रतियोगिता तक की उल्लेखनीय यात्रा और फर्स्ट रनर-अप के रूप में उनके अद्वितीय प्रदर्शन ने वैश्विक सौंदर्य प्रतियोगिता के मंच पर भारत की स्थिति को और मजबूत कर दिया है। उनकी यह सफलता न केवल इंदौर बल्कि पूरे देश की महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी है।

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