अन्तर्राष्ट्रीय

Pakistan में महंगाई ने तोड़ा 75 सालों का रिकॉर्ड,1.60 लाख रुपये में मिल रहा 10 ग्राम सोना

कराची: पाकिस्तान में ये विरोध-प्रदर्शन बेवजह नहीं है.पाकिस्तान भूखमरी की कगार पर है.महंगाई दर 75 सालों का रिकॉर्ड तोड़ने जा रही है.लेकिन इन खस्ताहालत में भी पाकिस्तान को अपने लोगों की जिंदगी से ज्यादा डिफेंस बजट की चिंता सता रही है.जब पाकिस्तानी लोग रोटी-रोटी के लिए मोहताज हैं.ऐसे हालात में पाकिस्तान ने अपना रक्षा बजट 80 अरब रूपये बढ़ा दिया है.

पाकिस्तान में महंगाई ने आम लोगों की मुसीबत बढ़ा दी है। पिछले कुछ दिनों में गेहूं के आटे और चिकन की कीमतों में बेलगाम बढ़ोतरी हो रही है। वहीं, गोल्ड की कीमतों ने ऑल टाइम हाई लेवल को टच कर लिया है। एक तोला और 10 ग्राम गोल्ड की कीमत क्रमश: 1,88,600 रुपये और 1,61,694 रुपये के नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। सिर्फ बुधवार को गोल्ड की कीमत में 900 रुपये तक की बढ़ोतरी हुई है।

क्या है आटे की कीमत: आटे की कीमतें 140-160 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई हैं। मिलर्स और होलसेलर्स के मुताबिक ओपन मार्केट में 100 किलो गेहूं बैग रेट 12,000-12,500 रुपये बिक रहा है। वहीं, दिसंबर के आखिरी सप्ताह में यह 10600 रुपये था। वहीं, नवंबर में यह 8300 रुपये पर बिक रहा था।

1500 रुपये के पार कीमत: खुदरा विक्रेताओं ने मिलर्स ने ब्रांडेड महीन आटे की नई दरें जारी की हैं। पिछले सप्ताह अशरफी ब्रांड का आटा 700 रुपये और 1400 रुपये प्रति 5 और 10 किग्रा था, जिसकी अब कीमत क्रमशः 775 रुपये और 1530 रुपये हो गई है।

कराची होलसेलर्स ग्रॉसर्स एसोसिएशन के चेयरमैन रऊफ इब्राहिम ने कहा कि सिंध में गेहूं की नई फसल की आवक में दो महीने बाकी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि बढ़ती कीमतों को रोकने के लिए सरकार की ओर से कोई गंभीर कदम नहीं उठाए गए हैं। वहीं, जीवित पोल्ट्री की कीमत 420 रुपये प्रति किलोग्राम तक है। हड्डी रहित मांस 800-900 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रहा है।

बिजली बचाने के लिए जल्द बंद होंगे मॉल-बाजार
सरकार को इन उपायों से ऊर्जा बचाने और तेल आयात को कम करने की उम्मीद है, जिसकी कीमत पाकिस्तान को हर साल तीन अरब डॉलर चुकानी पड़ती है. देश के ज्यादातर पावर प्लांट में तेल के जरिए बिजली पैदा की जाती है. इन संयंत्रों में इस्तेमाल होने वाले तेल को विदेश से आयात किया जाता है.

सरकार के इस ताजा ऐलान पर कारोबारी जगत भी परेशान है. कारोबारियों का कहना है कि इस फैसले से पाकिस्तान के कारोबार पर नकारात्मक असर पड़ेगा. उनके मुताबिक कोरोना की वैश्विक महामारी से कारोबार पहले ही बुरी तरह प्रभावित हो चुका है.

पाकिस्तानी अधिकारियों का कहना है कि पिछले साल आई विनाशकारी बाढ़ से देश को 40 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है, इसलिए पाकिस्तान आईएमएफ की शर्तों में ढील देने की मांग कर रहा है. हालांकि, इसके बावजूद पाकिस्तान को आईएमएफ की कुछ शर्तों को पूरा करने के लिए ऊर्जा बचाने और नए कर लगाने जैसे उपाय करने पड़ रहे हैं.

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