पटना : स्कूल-कॉलेज के स्टूडेंट्स और उनके अभिभावकों को एक बार फिर महंगाई का झटका लगा है। कागज और कच्चे माल की लागत बढ़ने से कॉपी-किताब और स्टेशनरी की कीमतों में एक बार फिर 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो गई है। कागज की कीमतों में बढ़ोतरी का असर किताबों पर भी पड़ रहा है। कारोबारी इसके लिए स्टेशनरी सामान पर जीएसटी बढ़ोतरी को मुख्य कारण बता रहे हैं। कॉपी-किताबों के लिए जरूरी कच्ची लुगदी की बाजार में कमी हो गई है। इस कारण भी कीमतों में इजाफा हो रहा है।
बिहार की राजधानी पटना में कॉपियों की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। ब्रांडेड कंपनियों ने कॉपियों की पृष्ठ संख्या कम करने के साथ ही इसकी लंबाई और चौड़ाई तक कम करने लगे हैं। 128 पेज की कॉपी अब 120 पेज की हो गई है। 64 पेज की कॉपी की पृष्ठ संख्या घटकर 48 पेज रह गई है। इसी तरह 64 पेज की कॉपी पहले 10 रुपये में मिलती थी वहीं अब 48 पेज के कॉपी की कीमत बढ़कर 15 रुपये हो गयी है। रफ पेज की कॉपियों की कीमतों में भी इजाफा हुआ है। 80 रुपये में मिलने वाली रफ कॉपी की कीमत 100 रुपये हो गयी है। कारोबारी बताते हैं कि किताबों की कीमत भी पहले की तुलना में 30 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हो चुकी है।