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आम आदमी को महंगाई का झटका, नंदिनी दूध की कीमत में 2 रुपए की बढ़ोतरी; नई दरें आज से लागू

बेंगलुरुः कर्नाटक दुग्ध फेडरेशन (केएमएफ) ने मंगलवार को दूध के दामों में 26 जून से वृद्धि करने की घोषणा की जिसके बाद विपक्ष ने सरकार को मूल्यवृद्धि के लिए जिम्मेदार ठहराया जबकि सिद्धरमैया की अगुवाई वाले प्रशासन ने कहा कि उसका केएमएफ के स्वतंत्र निर्णय से कोई लेना-देना नहीं है। अभी कुछ दिन पहले कर्नाटक सरकार ने ईंधन पर बिक्रीकर बढ़ा दिया था जिससे राज्य में पेट्रोल प्रति लीटर तीन रुपये एवं डीजल साढ़े तीन रुपया महंगा हो गया। केएमएफ ने कहा कि इस मूल्यवद्धि के साथ वह आधे और एक लीटर की थैलियों में 50 मिलीलीटर मात्रा भी बढ़ाएगी।

केएमएफ ने एक बयान में कहा, ‘‘चूंकि वर्तमान में फसल कटाई का मौसम है, इसलिए सभी जिला दुग्ध संघों के पास दूध का भंडारण प्रतिदिन बढ़ रहा है और वर्तमान भंडारण लगभग एक करोड़ लीटर है। इसे देखते हुए, हर थैली की कीमत में दो रुपए की वृद्धि की जा रही है तथा उपभोक्ताओं को हर आधा लीटर (500 मिलीलीटर) और एक लीटर (1000 मिलीलीटर) की थैली में 50 मिलीलीटर अतिरिक्त दूध दिया जा रहा है।”

फिलहाल नंदनी की 500 मिली लीटर दूध की थैली का दाम 22 रुपए है। इस वृद्धि के बाद अब 550 मिलीलीटर की थैली 24 रुपए में मिलेगी। इसी तरह 1000 मिलीलीटर दूध की थैली 42 रुपए में मिल रही थी, लेकिन अब 44 रुपए में 1050 मिलीलीटर दूध की थैली मिलेगी। नंदिनी ब्रांड के दूध की अन्य श्रेणियों के दाम भी बढ़ जाएंगे। दूध का दाम बढ़ाने के फैसले पर कड़ी प्रतिक्रिया आई है। विपक्षी दलों ने इस विषय पर कांग्रेस की अगुवाई वाली सिद्धरमैया सरकार पर निशाना साधा है। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने सफाई दी है कि दूध के दाम सरकार ने नहीं, बल्कि केएमएफ ने बढ़ाए हैं।

उन्होंने यहां कहा, ‘‘ मुझे नहीं पता है, मैं उनसे (केएमएफ से) बात करूंगा….दूध के दाम सरकार द्वारा नहीं, बल्कि केएमएफ द्वारा बढ़ाए जाते हैं। अन्य राज्यों की स्थिति की तुलना में और जहां तक मैं जानता हूं कि हमारे राज्य में दूध के दाम कम हैं।” मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने आरोप लगाया कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने ‘आपातकाल की बरसी मनाने के लिए’ दूध के दाम में वृद्धि कर दी।

उन्होंने मुख्यमंत्री पर अपनी टिप्पणी केंद्रित करते हुए कहा, ‘‘ यदि आप में गरीबों और मध्यमवर्गीय लोगों के प्रति रत्तीभर भी अनुराग है तो आप दूध के मूल्य में वृद्धि को तत्काल वापस लीजिए।” अशोक ने कहा, ‘‘ सत्ता में आने के महज 13 महीनों में ही आपने दूध के दाम बढ़ा दिये हैं। पिछले साल अगस्त में दूध के दाम में तीन रुपये की वृद्धि की गयी थी और अब उसमें दो रुपए की बढ़ोत्तरी की गई है।”

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ राज्य में गरीब और मध्यम वर्ग के लोग पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि एवं सब्जियों के आसमान छूते मूल्यों के कारण पहले से परेशान हैं । ऐसी स्थिति में आपने उनपर और बोझ डाल दिया है।” प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि दूध के दाम बढ़ाने के इस नवीनतम फैसले से गरीब बुरी तरह प्रभावित होंगे।

उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘ लोकसभा चुनाव के शीघ्र बाद नुकसान का बदला लेने के लिए कांग्रेस विधायकों की ओर से गारंटियों को वापस लेने की मांग की जा रही थी। अंतत: यही वह तरीका है जिससे सरकार उसके खिलाफ वोट देने के लिए गरीब नागरिकों से बदला ले रही है।”

जनता दल सेकुलर ने भी इस कदम की आलोचना की और व्यंग्य किया कि ‘आपातकाल की स्वर्णजयंती’ पर कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने लोगों को ‘बंपर उपहार’ दिया है। केएमएफ ने बयान में कहा, ‘‘डेयरी उद्योग में कर्नाटक को-ऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स महामंडल देश में दूसरा सबसे बड़ा महामंडल है…. केएमएफ पिछले पांच दशकों से अपने सदस्य दुग्ध संघों के माध्यम से राज्य के 27 लाख से अधिक डेयरी किसानों से दूध खरीद रहा है, उसका प्रसंस्करण कर रहा है एवं ‘नंदिनी’ ब्रांड नाम से उत्तम गुणवत्ता का दूध एवं दुग्ध उत्पाद पेश कर रहा है।”

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