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नुक्कड़ नाटक के जरिये दी फाइलेरिया से बचाव की जानकारी

10 फरवरी से चलेगा एमडीए अभियान, सभी स्वस्थ लोगों को खिलाई जाएगी फाइलेरिया से बचाव की दवा

बाराबंकी : जिले के नौ ब्लॉकों में 10 फरवरी से 27 फरवरी तक मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान को सफल बनाने और जन-जागरूकता बढ़ाने के लिए सीएचओ व रोगी हितधारक समूह के सहयोग से नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया। नुक्कड़ नाटक का मंचन राजकीय यूपी सैनिक स्कूल, सरोजिनीनगर, लखनऊ की छात्राओं द्वारा किया गया, जिन्हें सीफार संस्था द्वारा पूर्व में प्रशिक्षित किया गया था।

एनएसएस छात्र हुए जागरूक : इस दौरान राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) के 114 छात्रों व कोऑर्डिनेटर ने बाराबंकी पुलिस लाइन सभागार में आयोजित स्टूडेंट पुलिस एक्सपीरियंस लर्निंग प्रोग्राम में भाग लिया। इस दौरान नुक्कड़ नाटक टीम ने लोक गीत के माध्यम से फाइलेरिया की जानकारी दी।

गाँवों में बढ़ायी जागरूकता : इसी क्रम में देवा ब्लॉक के गौरिया गाँव, फतेहपुर ब्लॉक के सर्वोदय विद्यालय मंदिर, बिशुनपुर और इसरौली बाजार में भी नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किए गए। छात्राओं ने बताया कि फाइलेरिया मच्छरों के काटने से फैलने वाली गंभीर और लाइलाज बीमारी है। इसके शुरुआती दौर में कोई लक्षण नहीं दिखते, लेकिन 5 से 15 साल बाद हाथ-पैर या महिलाओं के स्तनों में भारी सूजन आ सकती है, जिससे व्यक्ति को विकलांगता का सामना करना पड़ सकता है।

दवा सेवन जरूरी : छात्राओं ने बताया कि फाइलेरिया का कोई इलाज नहीं है, लेकिन इससे बचाव संभव है। सरकार एमडीए अभियान के तहत डीईसी और एल्बेंडाजोल दवाएं निःशुल्क उपलब्ध कराती है। 10 से 27 फरवरी तक स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर दवा खिलाएंगे। इसे खाली पेट नहीं लेना चाहिए और पूरी खुराक लेना जरूरी है। एक साल से छोटे बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को यह दवा नहीं दी जाएगी, जबकि 1 से 2 वर्ष के बच्चों को एल्बेंडाजोल की आधी गोली पीसकर दी जाएगी।

दवाएं पूरी तरह सुरक्षित : गौरिया आयुष्मान आरोग्य मंदिर की सीएचओ शालिनी तिवारी ने बताया फाइलेरिया से बचाव की दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं और कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होता। यदि दवा लेने के बाद हल्की खुजली या चकत्ते हों, तो यह संकेत है कि शरीर में मौजूद फाइलेरिया के कीटाणु नष्ट हो रहे हैं। किसी भी परेशानी पर आशा कार्यकर्ता या रैपिड रिस्पॉन्स टीम से संपर्क करें।

समुदायिक भागीदारी से बनेगा फाइलेरिया मुक्त गांव : जिला मलेरिया अधिकारी सुजाता ठाकुर ने लोगों से अपील की कि अभियान के दौरान सभी लोग स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के सामने दवा जरूर सेवन करें और अपने परिवार तथा पड़ोसियों को भी इसके लिए प्रेरित करें। जितने अधिक लोग दवा लेंगे, उतनी जल्दी गांव फाइलेरिया मुक्त होगा। कार्यक्रम में रोगी हितधारक समूह के सदस्य ग्राम प्रधान, कोटेदार, आशा कार्यकर्त्ता, आंगनवाड़ी, फाइलेरिया मरीज, समूह सखी सहित शिक्षक, छात्र व सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

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