कई लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है. उन्हें अस्थमा की बीमारी के कारण ये परेशानी झेलनी पड़ती है. सांस लेने में मुश्किल होने पर इंहेलर पम्प का इस्तेमाल करते देखा होगा. यह किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है. दमा रोग एक प्रकार की एलर्जी है, जिस कारण सांस लेने में तकलीफ़ हो जाती है. लेकिन इससे बचने के लिए आपको कुछ घरेलु तरीके भी अपना लेने चाहिए जिससे आपको इनहेलर की जरूरत नहीं पड़ेगी.
सरसों के तेल में थोड़ा सा कपूर मिलाकर गर्म करें. अब इसे एक कटोरी में निकाल लें और गर्म अवस्था में ही इससे अपनी छाती, पीठ और गर्दन की मालिश करें. इस उपचार को रोज करें जबतक अस्थमा ठीक न हो जाये.
एक कप मैथी का बना काढ़ा, थोड़ा सा शहद और एक चम्मच अदरक का रस मिला ले. ये होम रेमेडी अस्थमा का उपचार करने में काफी फायदेमंद है.
दमा के ट्रीटमेंट में लहसुन का प्रयोग बहुत फ़ायदेमंद है. 30 मिली दूध में लहसुन की 5 छिली कलियाँ उबालकर रोज़ सेवन कीजिए. चाहें तो अदरक वाली चाय में लहसुन की कलियाँ पीसकर डालें और इस चाय का सेवन करें.
5 लौंग की कलियाँ आधा गिलास पानी में 5 मिनट उबालें. फिर इसे छानकर इसमें थोड़ा शहद मिलाकर गरमागरम पिएँ. दिन में तीन बार नियमित रूप से सेवन करने से दमा कंट्रोल में आ जाता है.
अंजीर दमा के रोगियों के लिए लाभदायक है. इससे बलगम बाहर निकलने में आसानी होती है. दो-तीन अंजीर गरम पानी से धोकर रात्रि को साफ बर्तन में भिगो दें. नाश्ते से पूर्व उन अंजीरों को खूब चबाकर खाएं. उसके बाद वह पानी पी लें.