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इंजरी: बुमराह को करने पड़े 151.2 ओवर, आगे गेंदबाजी करना मुश्किल

सिडनी टेस्ट : संजीव मिश्र। बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पांचवें टेस्ट का तीसरा दिन पूरी सीरीज का सबसे महत्वपूर्ण दिन होने जा रहा है। मुकाबला खुला हुआ है और इसका फैसला किसी के भी पक्ष में आ सकता है। इस लो स्कोरिंग मुकाबले में टीम इंडिया के टीम प्रबंधन की सबसे बड़ी फिक्र जसप्रीत बुमराह को लेकर है। उनकी तकलीफ कितनी गंभीर है और क्या वह आस्ट्रेलिया की दूसरी पारी में गेंदबाजी कर पाएंगे, इस पर अभी तक संशय बना हुआ है। शनिवार को लंच के बाद एक ओवर पूरा करते ही वे मैदान से चले गए। पीठ में ऐंठन होने पर उनका स्कैन करवाया गया। अब खबर आ रही है कि वे बल्लेबाजी के लिए तो उतरेंगे लेकिन गेंदबाजी करने का फैसला सुबह उनकी स्थिति देखने के बाद ही लिया जाएगा। एक मेडिकल टीम उनके साथ लगी हुई है।

बुमराह गेंदबाजी करने न उतर पाए तब क्या होगा

टीम के प्रमुख गेंदबाज ने इस सीरीज में अकेले दम आस्ट्रेलिया से मोर्चा लिया है। उन पर वर्कलोड का हाल यह रहा कि अब तक इस सीरीज में उनको 151.2 ओवर यानि 908 गेंदें फेंकनी पड़ीं। इसी का यह परिणाम निकला कि बुमराह को आज पीठ में ऐंठन के बाद यदि बुमराह सिडनी टेस्ट आगे गेंदबाजी नहीं कर पाते हैं तो यह भारत के लिए बहुत बड़ा झटका होगा, क्योंकि पूरी सीरीज में बुमराह आस्ट्रेलियाई बल्लेबाजी के लिए कहर साबित हो रहे हैं और उनकी अनुपस्थिति से न सिर्फ भारतीय गेंदबाजी की धार कमजोर पड़ जाएगी, बल्कि मेजबान बल्लेबाजों के ऊपर दबाव भी खत्म हो जाएगा। इसके अलावा फरवरी में होने वाली चैम्पियंस ट्रॉफी में भी उनका खेलना संदिग्ध हो जाएगा। टीम इंडिया की बल्लेबाजी सीरीज की अंतिम पारी में भी बिखर गई। हालांकि ग्रीन टॉप पर आस्ट्रेलिया के सामने दूसरी पारी में 200 का स्कोर भी कम नहीं होगा लेकिन आस्ट्रेलियाई को चौथी पारी में चुनौती देने के लिए 145 रन बहुत कम हैं।

मैच का कल आखिरी दिन भी हो सकता है

मैच का कल आखिरी दिन भी हो सकता है। भारत के पास बल्लेबाजी के लिए सिर्फ टेल ही बची है। सुबह बॉल हिलेगी ऐसे में रवीन्द्र जडेजा और वाशिंगटन सुंदर की जोड़ी कितने रन और जोड़ पाती है यह देखना काफी महत्वपूर्ण होगा। उसके बाद यदि बुमराह भी गेंदबाजी के लिए नहीं उतर पाते हैं तो सीरीज हाथ से निकल सकती है। आस्ट्रेलिया फिलहाल 2-1 की बढ़त लिए हुए है। भारत यदि किसी तरह यह मैच जीत लेता है तो सीरीज बराबरी पर खत्म होगी और ट्रॉफी भारत के पास ही बरकरार रहेगी। लेकिन यदि मेजबान टीम यह मुकाबला जीतती है तो 10 साल बाद ट्रॉफी पर आस्ट्रेलिया का कब्जा हो जाएगा।

विराट कोहली का विकेट मजाक बन कर रह गया

टीम इंडिया के लिए बल्लेबाजी में खराब प्रदर्शन इस सीरीज की अंतिम पारी तक जारी रहा। पूरी सीरीज में विराट कोहली का विकेट आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के लिए मजाक बनकर रह गया। लगातार आठ बार उनको एक ही तरीके से आउट होते देखा गया। गेंदबाज जानते थे कि चौथे पांचवें स्टम्प पर उन्हें लगातार गेंद डालकर पवेलियन लौटाया जा सकता है। किसी बल्लेबाज और उसके कोच के लिए इससे शर्मनाक और क्या हो सकता है कि वह एक ही तरह का शॉट खेलते हुए बार-बार आउट हो रहा हो और उसकी गलती को सुधारा न जा पा रहा हो।

इस विकेट पर डिफेंस करना आसान नहीं

यशस्वी जयसवाल (22) और रिषभ पंत (61) के रन भारतीय पारी के कुल 141 रनों से कम कर दिए जाए तो कुछ खास नहीं बचेगा। इन दोनों बल्लेबाजों ने विकेट पर जितना भी समय बिताया उस दौरान स्कोर बोर्ड चलता रहा। खासकर पंत ने लगभग 185 के स्ट्राइक रेट के साथ बल्लेबाजी की। अन्य मौकों पर उनकी इस स्टाइल से की गई बल्लेबाजी की आलोचना हो सकती थी लेकिन आज यही सही रवैय्या था। पंत ने आज टॉप गियर में बल्लेबाजी की, जबकि पहली पारी में उन्होंने बेहद रक्षात्मक बल्लेबाजी की थी और शरीर पर चोट खाते हुए भी आक्रामक बल्लेबाजी से परहेज किया था। उन्होंने पहली पारी में 98 गेंदों पर 40 रन बनाए थे, जबकि दूसरी पारी में सिर्फ 33 गेंदों पर 61 रन जड़ दिए।

एक अतिरिक्त गेंदबाज की जगह बल्लेबाज को शामिल करना था

बुमराह को विकेट पढ़ने में चूक हो गई। विकेट पर घास देखने के बाद उनको न तो एक अतिरिक्त स्पिनर के साथ उतरना चाहिए था और न ही टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लेना चाहिए था। वाशिंगटन सुंदर ने इस मैच में एक भी ओवर नहीं डाला, क्योंकि इस विकेट पर स्पिनरों के लिए भी मदद के बारे में जैसा कहा जा रहा था कि अभी तक वैसा कुछ भी नहीं दिखा। ऐसे में भारत यदि एक अतिरिक्त बल्लेबाज के साथ उतरता तो टीम की बल्लेबाजी मजबूत हो सकती थी। जडेजा और सुंदर यदि तीसरे दिन तेज बल्लेबाजी करते हैं और बोर्ड पर 60-70 रन और लग जाते हैं तो यह मैच काफी रोमांचक हो सकता है। लेकिन यदि बुमराह कल गेंदबाजी के लिए नहीं उतर पाते हैं तो मेजबान टीम के दस विकेट निकालना कतई आसान नहीं होगा।

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