नई दिल्ली/बैतूल. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) से मिली एक दिल दह्लाने वाली खबर के अनुसार, यहां के बैतूल (Betul) जिले में बोरवेल में फंसे 6 साल के बच्चे की अब मौत हो गई है। बच्चे के गिरने के करीब 84 घंटे बाद उसका शव बाहर निकाला गया। जानकारी के अनुसार रेस्क्यू टीम आज तडके सुबह 3 बजे बच्चे के करीब पहुंच गई थी। सुबह 5 बजे तक जैसे तैसे इस मासूम के शव को बाहर निकाला जा सका। 7 बजे बैतूल के जिला अस्पताल में शव को लाया गया। 5 डॉक्टरों की टीम ने बाद में शव का पीएम किया।
मामले पर कलेक्टर अमनबीर सिंह बैंस ने बताया कि, बोर 400 फीट गहरा है। वहीं बच्चा करीब 39 फीट की गहराई में फंसा था। मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने बोर के समानांतर ही करीब 44 फीट गहरा गड्ढा खोदा। इसके बाद 9 फीट की हॉरिजेंटल सुरंग भी इस टीम ने खोदी थी।
घटना पर बच्चे के चाचा राजेश साहू ने कहा कि, हमारे लिए बहुत दुख की घड़ी है। हमने तो यह सोच रखा था कि ये सभी सफल होंगे और हमारा बच्चा हमें वापस मिल जाएगा। बचाव दल ने तो दिन-रात बहुत मेहनत की थी, पर कहीं न कहीं लेट हो गए। अगर हमारे पास ऐसा कोई संसाधन होता, जिससे हम बच्चे को उसी दिन निकाल लेते, तो वो शायद बच जाता। टीम वर्क बहुत अच्छा रहा, लेकिन शायद हम ही लेट हो गए।
वहीं इस पुरे रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रहे होमगार्ड कमांडेंट एसआर आजमी ने बताया कि, बोरवेल में मासूम तन्मय 39 फीट पर फंसा हुआ था। बच्चों की नॉर्मल हाइट तीन से चार फीट मानकर हमने 44 फीट तक गड्ढा खोदा है। टनल बनाने में NDRF और DSRF के 61 जवान लगे हुए थे। वहीं तन्मय के पिता सुनील और मां ऋतु बेसुध से रेस्क्यू के खत्म होने का इंतजार कर रहे थे। वह जल्दी अपने लाड़ले से मिलने को भी बहुत उत्सुक थे। लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।
इधर घटनास्थल मांडवी गांव के साथ-साथ आसपास के 4 गांव के लोगों ने अब मदद के लिए अपने हाथ बढ़ाए थे। यहां रेस्क्यू में जुटे 200 से अधिक लोगों के लिए निःशुल्क भोजन से लेकर सभी प्रकार की व्यवस्था ग्रामीणों द्वारा ही की जा रही थे। बता दें कि उक्त हादसा मंगलवार शाम बैतूल जिले के आठनेर के मांडवी गांव में करीब 5 बजे हुआ था। तन 6 साल का मासूम तन्मय दूसरे बच्चों के साथ यहां खेल रहा था। इसी दौरान वह पड़ोसी के बोरवेल में जा गिरा। आवाज लगाने पर बोरवेल के भीतर से बच्चे की आवाज आई। इस पर परिवार वालों ने तत्काल बैतूल और आठनेर पुलिस को मामले की सूचना दी थी।