छत्तीसगढ़

ईट भट्टा में कार्यरत श्रमिक परिवारों के बच्चों को शिक्षा दिलाने जिला प्रशासन द्वारा नवाचार के रुप में की गई अभिवन पहल

बेमेतरा: ईट भट्टा में कार्यरत श्रमिक परिवार के बच्चों को बेहतर प्रारंभिक शिक्षा एवं मध्यान्ह भोजन योजना का लाभ दिलाने के लिए जिला प्रशासन द्वारा नवाचार के रुप में अभिनव पहल की गई है। उनकी शिक्षा-दीक्षा गणवेश पाठ्य सामग्री आदि की व्यवस्था, ईंट भट्टा के संचालक एवं जिला प्रशासन द्वारा की जा रही है। जिले के बेरला विकासखण्ड के खारुन नदी के किनारे स्थित सुदूरवर्ती ग्राम कण्डरका एवं भालेसर में श्रमिक परिवारों के बच्चों को सवेरे 8 से 10 बजे तक शासकीय प्राथमिक शाला कण्डरका एवं भालेसर में बच्चों को कलस्टर में बांटकर पढ़ाई के साथ-साथ मध्यान्ह भोजन भी दिया जा रहा है। कलेक्टर विलास भोसकर संदीपान एवं पुलिस अधीक्षक धमेंन्द्र सिंह ने आज सवेरे इन दोनो गांवों का दौरा कर श्रमिक परिवार के बच्चों को गणवेश स्कूल बेग, जूता-मोजा एवं किताब का वितरण किया और बच्चों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए अपनी शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि श्रमिक ठण्डी, गर्मी, बरसात ऋतु की परवाह किए बिना साल भर दिन रात मेहनत करता है, अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति करता है। श्रमिक अपने पसीने से सड़क, भवन, पुल-पुलिया, तालाब गहरीकरण एवं ईट निर्माण का कार्य करता है। आर्थिक अभाव के कारण वे अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा-दीक्षा नहीं दे पाते, और उनके बच्चे स्कूल जाने के दिन में शिक्षा से वंचित हो जाते हैं। ऐसे समय में जिला प्रशासन द्वारा ईंटभट्टा में कार्यरत श्रमिक परिवारों के बच्चों को शिक्षा प्रदान करने का बीड़ा उठाया है। कलेक्टर ने ईंट भ_ा संचालकों से कहा कि वे श्रमिक परिवारों के बच्चों के पठन-पाठन में विशेष रुचि लें। सामान्यत: धान कटाई के बाद दिसम्बर से जून महिने तक ईंट निर्माण का काम किया जाता है। कण्डरका एवं आस-पास खारुन नदी के किनारे अनेक ईंट भट्टा संचालित है जहां बेमेतरा जिले सहित अन्य जिलों के भी श्रमिक यहां जीवनयापन की तलाश में मजदूरी करने आते हैं। जिलाधीश ने कहा कि हमारा कर्तव्य है कि श्रमिकों के बच्चों के लिए भी शिक्षा की व्यवस्था कर पुण्य की भागीदार बनें, बच्चे भगवान का रुप होते हैं। छोटे-छोटे ननिहालों का भविष्य गढऩा है, ताकि वे पढ़ लिख कर जीवन में आगे बढ़ सके। शिक्षा से ही जीवन में आगे बढ़ा जा सकता है। जिला प्रशासन द्वारा अभिवन पहल की गई है।

पुलिस अधीक्षक धमेंन्द्र सिंह ने कहा कि यह हमारे लिए खुशी की बात है कि जिलाधीश के माध्यम से छोटे बच्चों से रु-ब-रु होने का मौका मिला है। छोटे बच्चे देश का भविष्य है। इनकी खुशी में ही हम सब की खुशी समाहित है। संविधान निर्माता डॉ. अम्बेडकर ने कहा था कि शिक्षा उस शेरनी के दूध के समान है जो पियेगा वो दहाड़ेगा। शिक्षा के अस्त्र के जरिए गरीबी से लड़ा जा सकता है। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक ने अभिभावकों से बच्चों को पढ़ाने लिखाने की अपील की। सरपंच ग्राम पंचायत कण्डरका श्रीमती यशोदा निषाद ने भी अपनी शुभकामनाएं दी। जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद मिश्रा, ईंट भट्टा के संचालक अभिनित उपध्याय ने भी अपने विचार व्यक्त किए। जिला प्रशासन के इस अभिनव पहल ने श्रम विभाग शिक्षा विभाग एवं महिला एवं बाल विकास विभाग की महत्वपूर्ण भूमिका है। ग्राम कण्डरका में स्वास्थ्य विभाग द्वारा स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया। नन्हे बच्चों का तिलक लगाकर मुंह मीठा कराया गया।

इस अवसर पर अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) बेरला संदीप ठाकुर, श्रम पदाधिकारी एन के साहू, जिला कार्यक्रम अधिकारी म.बा.वि. विद्याधर पटेल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. खेमराज सोनवानी, एसडीओपी तेजराम पटेल, जिला समन्वयक कमोद ठाकुर, बीएमओ डॉ जितेन्द्र कुंजाम, तहसीलदार मनोज गुप्ता, नायब तहसीलदार पौरस वेन्ताल, उप सरपंच राहुल यदू सहित ग्रामवासी उपस्थित थे।

Related Articles

Back to top button