मुंबई| देश में निर्मित स्कॉर्पीन-श्रेणी की पहली पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को भारतीय नौसेना की सेवा में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी शामिल किया जाएगा. इस दौरान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण, नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा, पश्चिम नौसेना कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग वाइस एडिमरल गिरीश लूथरा और शीर्ष अधिकारी समारोह में शामिल होंगे. आईएनएस कलवरी को नौसेना में ऐसे समय में शामिल किया जा रहा है, जब कुछ दिनों पूर्व नौसेना ने अपनी स्वर्ण जयंती मनाई थी. यह स्कॉर्पियन श्रेणी की पनडुब्बी है जिसे शिपबिल्डर्स मझगांव डॉक लिमिटेड में तैयार किया गया है.
A big day for us as we get first of our #Project75 submarines Kalvari. To be commissioned by Hon'ble Prime Minister @narendramodi in a few hours. Tune in to @DDNewsLive from 0830 AM onwards @nsitharaman @DefenceMinIndia @SpokespersonMoD @makeinindia @Cmdmdl pic.twitter.com/FVRIYkB3tC
— SpokespersonNavy (@indiannavy) December 14, 2017
इस पनडुब्बी से पानी के अंदर और इसकी सतह दोनों जगहों पर लड़ाई को अंजाम दिया जा सकता है. फ्रांस नौसेना और ऊर्जा कंपनी डीसीएनएस ने पनडुब्बी का डिजाइन तैयार किया है और इसे भारतीय नौसेना के प्रोजेक्ट-75 के तहत मुंबई के मंझगांव डॉकयॉर्ड में तैयार किया गया है. कलवरी का नाम खतरनाक टाइगर शार्क के नाम पर रखा गया है. आईएनएस कलवरी की मारक क्षमता ऐसी है कि यह दुश्मन की ओर से आने वाले गाइडेड वेपेंस पर तुरंत हमला कर सकती है.
यह पनडुब्बी आधुनिक फीचर्स से लैस है. इस पनडुब्बी से दुश्मन की नजरों से बचकर सटीक निशाना लगाया जा सकता है. कलवरी ने दो मार्च को पहली बार सफलतापूर्वक एंटी-शिप मिसाइल फायर की थी. यह पनडुब्बी चकमा देने में माहिर है और गाइडेड हथियारों के माध्यम से दुश्मनों पर वार करने में सक्षम है.