इंश्योरेंस क्लेम का जल्द होगा निपटारा, दो हफ्ते में शुरू हो सकता है NHCE
नई दिल्ली : सरकार जल्द ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य दावा एक्सचेंज की शुरुआत करने जा रही है। इस प्लेटफॉर्म से बीमा पॉलिसी धारकों के दावों का जल्द निपटारा हो सकेगा। साथ ही इससे बीमा कंपनियों की लागत में भी कमी आएगी। यह बीमा कंपनियों के बीच दावों से संबंधित जानकारियों के आदान-प्रदान में भी मददगार होगा। इसके अलावा दावा करने वाले, लाभार्थी और नियामकों को भी इसके जरिए जानकारियां मिल सकेंगी।
बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य दावा एक्सचेंज अगले दो हफ्ते में काम करना शुरू कर सकता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य दावा एक्सचेंज एक डिजिटल हेल्थ क्लेम प्लेटफॉर्म है। सूत्रों के मुताबिक इस बारे में बीमा नियामक इरडा मदद कर रहा है। यह दावा निपटान एक्सचेंज पूरी तरह तैयार हो चुका है।
सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय स्वास्थ्य दावा एक्सचेंज सभी के लिए फायदेमंद होगा। बीमा कंपनियों को इसका हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित किया गया है। इरडा ने जून 2023 में बीमा कंपनियों को इसका हिस्सा बनने को कहा था। राष्ट्रीय स्वास्थ्य दावा एक्सचेंज को आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के तहत बनाया गया है।
पिछले साल इरडा के चेयरमैन देबाशीष पांडा ने कहा था कि इस प्लेटफॉर्म से स्वास्थ्य बीमा दावों का जल्द निपटान होगा। साथ ही अंडरराइटिंग में भी मदद मिलेगी। सामान्य और स्वास्थ्य बीमा कंपनियां आयुष्मान भारत-पीएमजेएवाय के उपलब्ध डेटा का इस्तेमाल उन लोगों के लिए बीमा उत्पाद तैयार करने के लिए कर सकेंगी, जो अब तक बीमा के दायरे से बाहर हैं।
आबादी का एक बड़ा हिस्सा बीमा के दायरे से बाहर है। बीमा कंपनियां ऐसे लोगों के लिए खास बीमा उत्पाद पेश कर सकती हैं जो बीमा के दायरे से बाहर हैं। सरकार उपचार पैकेज पैकेज और लागत के मानक तय करने की कोशिश कर रही है। इसका स्वास्थ्य क्षेत्र पर अच्छा असर पड़ेगा।
इसे राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण द्वारा स्थापित किया जा रहा है। यह आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन का हिस्सा है। प्रस्तावित एक्सचेंज के जरिए स्वास्थ्य बीमा दावों को दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल किया जाएगा। पॉलिसीधारक और अस्पताल दावे की स्थिति को ऑनलाइन ट्रैक कर सकेंगे, जो बीमा धोखाधड़ी को रोकने में मदद करेगा। यही नहीं इस एक्सचेंज पर पॉलिसीधारकों का पूरा मेडिकल रिकॉर्ड भी मौजूद रहेगा। इसकी मदद से पॉलिसीधारक किसी भी वक्त अस्पताल को संपूर्ण चिकित्सा डाटा प्रदान करने में सक्षम होगा।
देश में मौजूदा समय में स्वास्थ्य बीमा का बाजार करीब 60,000 करोड़ रुपये का है। अनुमान है कि आने वाले कुछ सालों में यह 30-35 फीसदी की दर से सालाना बढ़ेगा, जो पिछले पांच सालों में करीब 19 फीसदी सालाना की बढ़त रही है।