नई दिल्ली: दिल्ली के नए पुलिस कमिश्नर के तौर पर नियुक्त आईपीएस राकेश अस्थाना ने बिहार के चर्चित चारा घोटाले में राजद नेता लालू यादव से पूछताछ करने वाले अफसर के रूप में पहचान बनाई थी। गुजरात कैडर के आईपीएस अधिकारी अस्थाना तब महज 35 साल के थे। झारखंड के नेतरहाट स्कूल से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करने वाले अस्थाना ने गोधरा कांड की भी जांच की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित एसआईटी ने भी सही माना था। अहमदाबाद में 26 जुलाई, 2008 को हुए बम ब्लास्ट की जांच का जिम्मा भी राकेश को ही दिया गया था। महज 22 दिनों में ही ये केस सुलझ लिया गया था।
1961 में रांची में जन्मे राकेश ने दिल्ली के जवाहर लाल यूनिवर्सिटी से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद रांची के सेंट जेवियर्स कॉलेज में इतिहास पढ़ाना शुरू किया। 1984 में उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और आईपीएस अधिकारी बन गए।
इन केस से हुए चर्चित
- साल 2014 में आसाराम बापू और उनके बेटे नारायण के मामले में भी अस्थाना ने जांच की थी। फरार चल रहे नारायण सांई को हरियाणा-दिल्ली बॉर्डर पर पकड़ा गया।
- अस्थाना ने ही धनबाद में डीजीएमएस के महानिदेशक को घूस लेते पकड़ा था। उस समय तक पूरे देश में अपने तरीके का यह पहला मामला था, जब महानिदेशक स्तर के अधिकारी सीबीआई गिरफ्त में आये थे।
- 1994 में उन्होंने सनसनीखेज पुरुलिया आर्म्स ड्रॉप केस की फील्ड इंवेस्टिगेशन सुपरवाइज की थी।