अन्तर्राष्ट्रीय

एक-दूसरे को भाई कहते हैं ईरान-पाकिस्तान, अब आर-पार के मूड में क्यों?

देहरादून (गौरव ममगाईं)। ईरान और पाकिस्तान के बीच रिश्ते बेहद तनावपूर्ण हो चुके हैं। पहले ईरान ने एयर स्ट्राइक की और इसके बाद पाकिस्तान ने भी उसी भाषा में जवाब दिया। आज दोनों देशों की सीमा पर सेनाएं आमने-सामने हैं। क्या आपको मालूम है आज दुश्मन नजर आ रहे ईरान और पाकिस्तान अभी तक एक-दूसरे को भाई कहते आये हैं। अचानक ऐसा क्या हुआ कि ईरान को पाकिस्तान पर हवाई हमला करना पड़ा ?

  दरअसल, ईरान-पाकिस्तान के बीच मौजूदा विवाद ठीक उसी तरह का है जैसे भारत-पाकिस्तान विवाद। जैसे भारत व पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर विवाद रहता है, वैसे ही ईरान व पाकिस्तान के बीच बलूचिस्तान प्रांत विवाद का कारण बनता रहता है। बलूचिस्तान प्रांत ईरान व पाकिस्तान दोनों ही देशों में विभाजित है। ईरान का आरोप है कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकी संगठन संचालित हो रहे हैं, जो ईरान में घुसकर आतंकी हमलों को अंजाम देते रहते हैं। वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान का आरोप है कि ईरान के बलोच इलाके से पाकिस्तान के बलूचिस्तान में अस्थिरता पैदा की जा रही है। यहां के बलोच समुदाय को आजादी के लिए उकसाया जाता है, जिससे यहां आंदोलन होते रहते हैं। ईरान व पाकिस्तान के बीच युध्द जैसे हालात नहीं रहे हैं, लेकिन दोनों ही देश एक-दूसरे के बलोच इलाके में एंटी-गतिविधियों को लेकर नाखुश दिखते रहे हैं।

पाकिस्तान में थे कार्यवाहक प्रधानमंत्री, ईरान ने दे दिया झटका

दरअसल, पाकिस्तान में वर्तमान में कार्यवाहक प्रधानमंत्री अनवर-उल-हक सरकार चला रहे हैं। सरकार में सहयोगी दलों की खींचतान के चलते कार्यवाहक पीएम अनवर-उल-हक बड़े फैसले नहीं ले पा रहे हैं। ऐसे में मौके का फायदा उठाते हुए ईरान ने पाकिस्तान पर हवाई हमला कर दिया। पाकिस्तान को इसका अंदाजा भी नहीं था। पाकिस्तान सरकार के लिए ऐसे समय में फैसला लेना बड़ा चुनौतीपूर्ण था।

भारत पर बौखलाया पाक, बोला- भारत को थी हमले की जानकारी

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने आरोप लगाया कि भारत को ईरान के एयर स्ट्राइक की पहले से जानकारी थी। भारत ने यह जानकारी गुप्त रखी। बिलावल ने कहा कि ईरान के हमले से कुछ घंटे पहले भारत के विदेश मंत्री जयशंकर ईरान के दौरे पर थे।

वहीं, चीन नहीं चाहता है कि ईरान व पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति रहे,  क्योंकि चीन दोनों ही देशों के साथ अच्छे रिश्ते बनाकर रखना चाहता है। उधर, ईरान-पाकिस्तान विवाद से पश्चिम एशिया में अस्थिरता और बढ़ सकती है। पहले ही इजराइल-हमास जंग के कारण यहां तनावपूर्ण हालात हैं। वहीं, लाल सागर व अरब सागर में हूती विद्रोहियों के हमलों ने भी चिंता बढ़ाई है।

    जाहिर है कि आने वाले दिनों में ईरान-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंध बने रहें, लेकिन दोनों ही देश चाहेंगे कि यह विवाद जंग का रूप न ले। क्योंकि ईरान पहले ही इजराइल के खिलाफ जंग में अप्रत्यक्ष रूप से शामिल है, वह नही चाहेगा कि उसके खिलाफ उसकी सीमा पर ही दूसरा कोई फ्रंट खुले। वहीं, राजनीतिक अस्थिरता से गुजर रहे पाकिस्तान के लिए भी मौजूदा हालात में जंग से निपटना बेहद मुश्किलभरा होगा।

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