ईरान-इजरायल टकराव में फ्लाइट्स की मची ऐसी भगदड़ कि आसमान में लगा विमान का भयंकर ट्रैफिक जाम!

नई दिल्ली: जैसे ही इजरायल ने ईरान पर हवाई हमला शुरू किया, वैसे ही अंतरराष्ट्रीय आसमान में मानो अफरा-तफरी मच गई। फ्लाइटराडार24 द्वारा जारी एक टाइम-लैप्स वीडियो ने दिखाया कि कैसे जंग की आहट ने मिनटों में पूरे रूट को बदल दिया। ईरान के ऊपर से गुजरने वाली कॉमर्शियल फ्लाइट्स ने एक के बाद एक रूट बदलना शुरू कर दिया, जिससे आसमान में ट्रैफिक का ऐसा मंजर दिखा। सुरक्षा के मद्देनजर, विमान तुरंत ईरानी क्षेत्र से बाहर निकलते नजर आए, जिससे पूरे हवाई क्षेत्र में एकदम सन्नाटा पसर गया। यह दृश्य बताता है कि कैसे युद्ध केवल ज़मीन तक सीमित नहीं रहता, उसका असर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों और वैश्विक कनेक्टिविटी पर भी गहराई से पड़ता है।
बता देंकि मध्य पूर्व एक बार फिर से उथल-पुथल की आग में झुलस उठा है। शुक्रवार की सुबह इजरायल ने “ऑपरेशन राइजिंग लायन” के तहत ईरान पर व्यापक और सुनियोजित हवाई हमले किए। ये हमले सीधे तौर पर ईरान की परमाणु गतिविधियों, बैलिस्टिक मिसाइल केंद्रों और सैन्य कमांड स्ट्रक्चर को निशाना बनाकर किए गए। इस सैन्य कार्रवाई के बाद न केवल ईरानी राजधानी तेहरान में जोरदार धमाके गूंजे, बल्कि इसकी गूंज वैश्विक उड्डयन रूट्स में भी महसूस की गई।
ईरानी आसमान से विमानों का पलायन
फ्लाइट ट्रैकिंग वेबसाइट फ्लाइटराडार24 ने एक टाइम-लैप्स वीडियो जारी किया है, जो दिखाता है कि जंग की आहट कैसे कुछ ही पलों में आसमान का नजारा बदल देती है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि जैसे ही इजरायल ने ईरान पर हमला शुरू किया, वैसे ही ईरान के ऊपर से उड़ रही कॉमर्शियल फ्लाइट्स तेजी से वहां से हटने लगीं। कई विमान उड़ान के बीच में ही अपना रास्ता बदलकर दूसरे सुरक्षित रास्तों की ओर मुड़ गए। यह दृश्य इतना प्रभावशाली था कि कई विशेषज्ञों ने इसे ‘आसमान में सन्नाटे का दृश्य’ करार दिया। हमलों के तुरंत बाद ईरानी हवाई क्षेत्र लगभग खाली हो गया था, जिससे ये साफ संकेत मिला कि खतरा कितना गंभीर था।
वैश्विक उड़ानों पर पड़ सकता है प्रभाव
इस आकस्मिक बदलाव का प्रभाव सिर्फ ईरान या इजरायल तक सीमित नहीं रहेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इस क्षेत्र से होकर गुजरने वाली इंटरनेशनल फ्लाइट्स को अब लंबे वैकल्पिक रूट्स अपनाने पड़ सकते हैं। इससे उड़ान की अवधि बढ़ेगी, ऑपरेशन कॉस्ट यानी ईंधन खर्च और लेट-लतीफी जैसी समस्याएं भी होंगी। विशेषकर यूरोप-एशिया मार्ग पर चलने वाली फ्लाइट्स पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
ऑपरेशन “राइजिंग लायन”: इजरायल की सैन्य रणनीति
इजरायली सेना—IDF (Israel Defense Forces)—ने इस सैन्य कार्रवाई की पुष्टि करते हुए बताया कि यह हमला पूरी तरह से योजनाबद्ध और खुफिया सूचनाओं के आधार पर किया गया। अभियान का नाम “ऑपरेशन राइजिंग लायन” रखा गया है। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने अभियान को “राष्ट्र की सुरक्षा के लिए अनिवार्य” बताया।
नेतन्याहू ने एक बयान में कहा, “हमने उन ठिकानों पर प्रहार किया जहां ईरान अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम पर तेजी से काम कर रहा था। हमने उन वैज्ञानिकों को निशाना बनाया जो सीधे तौर पर बम निर्माण से जुड़े थे। इसके अलावा ईरान के मिसाइल केंद्रों पर भी सटीक हमले किए गए।”
IDF की ‘हाई-क्वालिटी इंटेलिजेंस’ का दावा
इजरायली सेना के प्रवक्ता ने दावा किया कि उन्हें ‘उच्च गुणवत्ता वाली खुफिया जानकारी’ प्राप्त हुई थी, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि ईरान अब परमाणु हथियार निर्माण की प्रक्रिया में पहले से कहीं अधिक आगे बढ़ चुका है। इसी सूचना के आधार पर यह ऑपरेशन लॉन्च किया गया।
ईरान का तीखा रुख, अमेरिका पर आरोप
हमले के कुछ ही घंटों बाद ईरान ने अमेरिका पर इजरायली हमले का समर्थन करने का गंभीर आरोप लगाया। तेहरान सरकार का कहना है कि यह हमला अकेले इजरायल का नहीं, बल्कि अमेरिकी सहयोग से संभव हुआ। हालांकि, पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने किसी भी प्रत्यक्ष भूमिका से इनकार किया है। ट्रंप ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में स्वीकार किया कि उन्हें हमले से पहले सूचित किया गया था, पर उन्होंने इस बात को दोहराया कि “ईरान को परमाणु बम हासिल करने की अनुमति नहीं दी जा सकती।”
इजरायल में हाई अलर्ट, संभावित जवाबी हमला
इजरायली रक्षा मंत्री इजराइल कैट्ज ने देश में इमरजेंसी घोषित कर दी है। उन्होंने चेतावनी दी कि ईरान इस हमले का बदला मिसाइल या ड्रोन अटैक के जरिए कभी भी ले सकता है। इजरायल की सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, जबकि नागरिकों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।