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ईरान ने परमाणु ऊर्जा संयंत्र का शुरू किया निर्माण, दो अरब डॉलर की लागत से होगा तैयार

तेहरान : ईरान ने शनिवार को परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निर्माण शुरू करने का एलान किया। ईरान के सरकारी टीवी चैनल के मुताबिक कारून नाम से 300 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता वाला संयंत्र आठ साल में दो अरब डॉलर की लागत से तैयार होगा। परमाणु समझौते से अमेरिका के हाथ खींचने के बाद लागू पाबंदियों के बीच इराक से लगी ईरान की पश्चिमी सीमा के पास तेल संपन्न खुजेस्तान प्रांत में बनने जा रहे संयंत्र की घोषणा ईरान ऐसे समय में की है, जब पूरा देश सरकार विरोधी प्रदर्शनों में घिरा है।

संयंत्र के शिलान्यास समारोह में ईरान के असैन्य परमाणु ऊर्जा संगठन के प्रमुख मोहम्मद इस्लामी ने भाग लिया, जिन्होंने अप्रैल में कारून के निर्माण की योजनाओं बनाई थी। ईरान में बुशहर के दक्षिणी बंदरगाह पर भी एक परमाणु ऊर्जा संयंत्र है, इसके अलावा कई भूमिगत परमाणु केंद्र भी हैं। ईरान ने दो सप्ताह पहले ही कहा था कि उसने देश के भूमिगत फोर्डो परमाणु केंद्र में 60 फीसदी शुद्धता पर समृद्ध यूरेनियम का उत्पादन शुरू कर दिया है। इस कदम को देश के परमाणु कार्यक्रम में एक महत्वपूर्ण वृद्धि के रूप में देखा जा रहा है।

ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर नजर रखने वाली संयुक्त राष्ट्र की परमाणु एजेंसी आईएईए के मुताबिक अगर 60 फीसदी शुद्धता के साथ यूरेनियम संवर्द्धन का दावा सही है, तो ईरान परमाणु हथियारों के लिए 90 फीसदी की शुद्धता हासिल करने से एक कदम दूर है। परमाणु अप्रसार विशेषज्ञों ने महीने भर पहले ही चेतावनी दी थी कि ईरान के पास परमाणु बम बनाने के लिए पर्याप्त ईंधन है।

ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने के लिए अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी ने समझौता किया था, जिसके तहत ईरान को अपने परमाणु कार्यक्रम को बंद करना था, जिसके बदले में उसे अमेरिका और यूरोपीय देशों से प्रतिबंधों में ढील दी जानी थी। लेकिन, 2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर धोखेबाजी का आरोप लगाते हुए अमेरिका को इस समझौते से हटा लिया, जिसके बाद ईरान ने तेजी से परमाणु कार्यक्रम को बहाल किया था।

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