नई दिल्ली : आयरन की कमी होने से शरीर में कई तरह की दिक्कतें होनी लगती हैं। आयरन एक जरूरी पोषक तत्व है जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक आयरन हीमोग्लोबिन का एक महत्वपूर्ण घटक है। आयरन की कमी से शरीर में स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं नहीं बन पाती हैं। शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं की कमी को आयरन की कमी से होने वाला एनीमिया कहा जाता है। भारत में पुरुषों की तुलना में महिलाओं में एनीमिया की समस्या ज्यादा पाई जाती है। आयरन के कमी से होने वाले लक्षण आमतौर पर लोगों को समझ नहीं आते हैं।
आयरन (Iron) की कमी से शरीर में थकान, कमजोरी, पीली स्किन, सांस लेने में दिक्कत, बेहोशी, सिर दर्द, दिल के धड़कन का बढ़ जाना, छाती में दर्द, हाथ-पैर ठंडे हो जाना, बालों का झड़ना, आपके मुंह के किनारों का फटना, गले में खराश और सूजी हुई जीभ जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार शरीर में आयरन की कितनी जरूरत है ये उस व्यक्ति की उम्र, लिंग और पूरी सेहत पर निर्भर करता है। नवजात और बच्चों को वयस्कों की तुलना में अधिक आयरन की जरूरत होती है, क्योंकि उनका शरीर तेजी से बढ़ रहा होता है। बचपन में, लड़कों और लड़कियों को समान मात्रा में आयरन की आवश्यकता होती है। 4 से 8 साल की उम्र में रोजाना 10 मिलीग्राम और 9 से 13 साल की उम्र में रोजाना 8 मिलीग्राम की मात्रा जरूरी होती है।
वहीं महिलाओं को आयरन की ज्यादा जरूरत होती है क्योंकि पीरियड्स के समय उनके शरीर से खून की काफी मात्रा शरीर से निकल जाती है। डॉक्टर्स के अनुसार 19 से 50 साल की महिलाओं को हर दिन 18 मिलीग्राम आयरन लेना चाहिए, जबकि समान उम्र के पुरुषों को केवल 8 मिलीग्राम आयरन ही काफी है। वहीं प्रेग्नेंट या ब्रेस्ट फीड कराने वाली महिलाओं, किडनी की बीमारी वाले, अल्सर, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल डिसऑर्डर, वेटलॉस सर्जरी, बहुत ज्यादा वर्क आउट करने वालों और शाकाहारी(Vegetarian) लोगों को आयरन की ज्यादा मात्रा लेनी की सलाह दी जाती है।
चिकन, अंडे, मछली, छोले, दाल, सूखे मटर, बीन्स जैसी फलियां, पालक, हरी मटर, ब्रोकली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स और साबुत अनाज में आयरन काफी मात्रा में पाया जाता है। शरीर में आयरन की कमी ना हो इसके लिए डाइट पर विशेष ध्यान देना चाहिए।